कैसे बने थे ‘ब्लैक होल’

लंदन। वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में ‘ब्लैक होल’ के निर्माण के संदर्भ में नई जानकारी मिलने का दावा किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अंतरिक्ष में बहुत पहले हुए एक विस्फोट से उत्पन्न वृत्ताकार प्रकाश की किरणों की तरंगों का अध्ययन करने के बाद उन्हें ‘ब्लैक होल’ से जुड़ी नई जानकारी मिली है।अध्ययन के मुताबिक वृत्ताकार तरंगित प्रकाश नए बने ‘ब्लैक होल्स’ की वजह से पैदा होता है।चिली के एटाकामा रेगिस्तान में स्थित एक बड़े टेलीस्कोप से वर्ष 2012 में जीआरबी121024ए नामक इस खगोलीय विस्फोट को मापने और इसका अध्ययन करने में मदद मिली।वैज्ञानिकों के अनुसार यह विस्फोट करीब 11 000 करोड़ साल पहले हुआ था।लॉग गामा रे बस्र्ट (एलजीआरबी) नाम से पहचाने जाने वाली इस तरह के धमाके से बहुत बड़ी मात्रा में ऊर्जा और किरणें निकलती हैं।एक सेकेंड में ‘एलजीआरबी’ उतनी ऊर्जा पैदा कर सकता है जितना सूर्य जैसे सैकड़ों तारे अपने 10000 करोड़ साल की जिंदगी में पैदा कर पाते हैं। माना जाता है कि बड़े तारों के फटने के बाद एलजीआरबी विस्फोट शुरू होता है।इन बड़े तारों में अंत: विस्फोट होने के बाद ये तारे तेजी से घुमना शुरू कर देते हैं। तारों का इस तरह से घूमना ब्लैक होल बनने तक जारी रहता है।इस तरह लगातार तेजी से घुमने के कारण ही इन तारों के चारो तरफ एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र भी पैदा हो जाता है। यह पूूरी प्रकिया इतनी तेज होती है। इसका असर अरबों किलोमीटर दूर तक महसूस किया जा सकता है।इससे पैदा होनी वाली किरणें किसी पेंच (स्क्रू) की तरह वृत्ताकार रूप में तंरगित होती हैं।