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कोरोना वायरस से लड़ने में ज्यादा प्रभावी हैं साबुन

नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 110 पार हो चुकी है। चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना ने स्पेन और इटली में ही नहीं बल्कि कई देशों सहित भारत को भी अपनी चपेट में ले लिया है। कुल संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए वे दो मरीज भी शामिल हैं, जिनकी दिल्ली और कर्नाटक में मौत हो चुकी है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सिर्फ सेनिटाइजर और मास्क लगाने से इस जानलेवा वायरस का खात्मा किया जा सकता है? अगर आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा है तो आपको बता दें कि कोरोना वायरस का खात्मा करने में साबुन ज्यादा प्रभावी हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ वेल्स के प्रोफेसर पॉल थॉर्डर्सन ने कोरोना वायरस से बचने के लिए साबुन को ज्यादा बेहतर विकल्प बताया है। साबुन वायरस में मौजूद लिपिड का आसानी से खात्मा कर सकता है। कोरोना वायरस में तैलीय अणु वाली झिल्ली होती है, जिस पर प्रोटीन होता है। इसकी बदौलत यह वायरस इंसानी कोशिकाओं को प्रभावित करता है। साबुन के अणु का ढांचा हाइब्रिड होता है। इसका शीर्ष पानी से बॉन्ड बनाता है, जबकि सबसे पिछला हिस्सा यानी पूंछ पानी को अपने पास टिकने नहीं देती। पानी से दूरी बनाने वाली इसकी पूंछ वायरस के मैंम्बरेंस में कील की तरह घुस जाती है और उसे तोड़ देती है।

साबुन अपने छोटे छोटे बुलबुलों में धूल के साथ-साथ टूटे हुए वायरस के अंश भी समेट लेता है और पानी से धोने पर उसे बहा ले जाता है। कोरोनावायरस (कोवाइड-19) में पहले बुख़ार होता है। इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक हफ़्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है। कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज़्यादा परेशानी, किडनी फ़ेल होना और यहां तक कि मौत भी हो सकती है। उम्रदराज़ लोग और जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी है (जैसे अस्थमा, मधुमेह, दिल की बीमारी) उनके मामले में ख़तरा गंभीर हो सकता है।

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