ज्ञान भंडार
गुजरात की सीएम आनंदीबेन जाएंगी जेल? आरक्षण को लेकर दिए थे ये बयान
एजेंसी/ अहमदाबाद। पिछले 9 महिनों से पाटीदार समाज आरक्षण पाने के लिए सरकार से जद्दोजहद कर रहे हैं। इसके चलते राज्य सरकार ने शुक्रवार को सवर्णो को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा कर दी। इस आंदोलन के दौरान न सिर्फ गुजरात में जमकर हिंसा हुई थी, बल्कि सरकार और पाटीदारों की तरफ से एक-दूसरे के खिलाफ खूब बयानबाजियां भी हुई थीं। आंनदीबेन ने कहा था, आरक्षण दे दूं तो मेरी भी जेल जाने की बारी आ जाएगी…
– पिछले साल नवंबर में राधनपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने कहा था..‘अगर मैं आरक्षण दे दूं तो मेरी भी जेल जाने की बारी आ सकती है।
– संविधान के मुताबिक जिन वगरें को आरक्षण मिल रहा है, उसे घटाया या बढ़ाया नही जा सकता।
– अगर इसमें कुछ बदलाव होते भी हैं तो इसका हक केवल न्यायपालिका को हैं।’
– इसलिए अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या आनंदीबेन अब जेल जाएंगी?
– संविधान के मुताबिक जिन वगरें को आरक्षण मिल रहा है, उसे घटाया या बढ़ाया नही जा सकता।
– अगर इसमें कुछ बदलाव होते भी हैं तो इसका हक केवल न्यायपालिका को हैं।’
– इसलिए अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या आनंदीबेन अब जेल जाएंगी?
अमरेली की सभा में कहा था, नहीं मिलेगा आरक्षण
पाटीदार आंदोलन की शुरूआत से ही कड़ा रुख अपनाने वाली आनंदीबेन ने अमरेली की एक सभा में दो टूक कह दिया था कि मेरी सरकार पाटीदारों को कभी आरक्षण नहीं देगी। कानून के मुताबिक, 50 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा सकता। पाटीदारों की यह मांग गलत है।
पाटीदार आंदोलन की शुरूआत से ही कड़ा रुख अपनाने वाली आनंदीबेन ने अमरेली की एक सभा में दो टूक कह दिया था कि मेरी सरकार पाटीदारों को कभी आरक्षण नहीं देगी। कानून के मुताबिक, 50 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा सकता। पाटीदारों की यह मांग गलत है।
वलसाड में कहा था, ऐसे आंदोलन तो होते रहते हैं
बीते 17 अप्रैल को महेसाणा में पाटीदारों द्वारा जेलभरो आंदोलन किया गया था। इस दौरान भी शहर में जमकर हिंसा हुई थी। सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया था। इसके ठीक दूसरे दिन आनंदीबेन ने अपना रिएक्शन देते हुए वलसाड के धरमपुर की एक सभा में कहा था, ‘ऐसे आंदोलन तो होते रहते हैं’।
बीते 17 अप्रैल को महेसाणा में पाटीदारों द्वारा जेलभरो आंदोलन किया गया था। इस दौरान भी शहर में जमकर हिंसा हुई थी। सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया था। इसके ठीक दूसरे दिन आनंदीबेन ने अपना रिएक्शन देते हुए वलसाड के धरमपुर की एक सभा में कहा था, ‘ऐसे आंदोलन तो होते रहते हैं’।