गुजरात के महाराज के बेटे थे भारत के पहले गे राजकुमार, पत्नी के सामने खुला था राज!
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ नेदो वयस्कों के बीच सहमति से बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने वाली धारा 377 से बाहर कर दिया है. भारत में अब दो वयस्कों के बीच समलैंगिक संबंध अपराध नहीं होगा.
जब बात समलैंगिकता की हो तो गुजरात के राजकुमार मानवेंद्र सिंह गोहिल का जिक्र जरूरी हो जाता है. गुजरात के एक राजघराने में राजकुमार मानवेंद्र सिंह गोहिल का जन्म हुआ था. महलों और नौकर-चाकर होने के बावजूद भी उनकी जिंदगी कभी आसान नहीं रही.
वह शाही परिवार से इकलौते ऐसे शख्स थे जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपने ‘गे’ होने की बात स्वीकार की थी. बाद में उन्हें उनके परिवार ने त्याग दिया. उनके परिजनों ने उन पर परिवार की बदनामी करने का भी आरोप लगाया.
गुजरात के महाराज राजपीपला के बेटे मानवेंद्र को कई सालों तक अपनी सेक्सुअलिटी छिपाकर रखने को मजबूर होना पड़ा. वह एक दोहरी जिंदगी जीने को मजबूर थे.
1991 में मध्य प्रदेश के झाबुआ की राजकुमारी से उनकी शादी भी करा दी गई. राजकुमार मानवेंद्र को एक झूठ की जिंदगी जीनी पड़ रही थी और उनकी शादी भी असल मायनों में अधूरी ही थी.
जब वह अपने इस राज को और भीतर छुपाकर नहीं रख पाए तो उन्होंने अपनी पत्नी को अपने सेक्सुअल ओरिएंटेशन के बारे में सब कुछ सच-सच बता दिया.
शादी के एक साल बाद ही उनकी पत्नी ने उनसे तलाक के लिए अर्जी दे दी . हालांकि उस वक्त तलाक देना बहुत ही असामान्य बात थी.
राजकुमार मानवेंद्र ने बाकी लोगों की तरह तलाक के बाद कई सालों तक यह बात छिपाए रखी. अच्छी बात ये थी कि उनकी पत्नी ने उनसे वादा किया कि वह उनकी सेक्सुअलिटी के बारे में किसी को नहीं बताएंगी.
लेकिन अब भी यह इतना आसान नहीं था. 2002 में प्रिंस मानवेंद्र को नर्वस ब्रेकडाउन हुआ और उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया. यहीं पर सायकायट्रिस्ट ने उनके पैरेंट्स को बताया कि वह गे हैं.
इसके बाद उनके पैरेंट्स ने दबाव डाला कि उनकी सेक्सुअलिटी को छिपाकर ही रखा जाए. उन्होंने मेडिकल और धार्मिक दोनों ही तरीकों से उनका ‘इलाज’ कराने की कोशिश की.
हालात तब और मुश्किल हो गए जब प्रिंस ने सार्वजनिक तौर पर अपने गे होने की बात स्वीकार कर ली. दुनिया भर में यह खबर चर्चा का विषय बन गई. उनके गृहराज्य में उनके पुतले जलाए गए और लोगों ने उनसे टाइटल छीनने की बात कही.
पैरेंट्स ने भी सार्वजनिक तौर पर अपने बेटे को जायदाद से बेदखल करने व सभी तरह के संबंध तोड़ने का ऐलान कर पल्ला झाड़ लिया.
एक इंटरव्यू में प्रिंस ने कहा था, भारत में सार्वजनिक तौर पर खुलकर आना बहुत ही मुश्किल है. समाज पैरेंट्स को यह बात स्वीकार ही नहीं करने देती है.
पैरेंट्स अपने बच्चों को ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं और विपरीत लिंग के शख्स से शादी करने को मजबूर कर देते हैं. कई लोग मुझे बताते हैं कि उन्हें पैरेंट्स ने जान से मारने की धमकी दी है. कई ऐसे लोग हैं जो अपनों के डर के चलते शादी के बंधन में बंध जाते हैं.