गोमतीनगर रिवर फ्रंट घोटाले में आधा दर्जन इंजीनियरों का फंसना तय…
रिवर फ्रंट घोटाले में आधा दर्जन से अधिक इंजीनियरों का फंसना तय है। सीबीआई इस मामले में जल्द ही अलग-अलग टेंडर में हुए घपले की अलग-अलग एफआईआर दर्ज करेगी। इसके लिए सीबीआई ने अपने मुख्यालय से अनुमति मांगी है। सीबीआई ने इस मामले में दो साल पहले गोमतीनगर में दर्ज एफआईआर के आधार पर अपने यहां एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। शुरुआती जांच में सीबीआई को चीफ इंजीनियर से ऊपर के अधिकारियों की भूमिका या संलिप्तता फिलहाल नहीं मिली है।
सूत्रों का कहना है कि टेंडर तक के अधिकार चीफ इंजीनियरों को दे दिए गए थे। इसके लिए जो अलग-अलग टेंडर किए गए, उसमें कई में घपले के साक्ष्य मिले हैं। इसके आधार पर सीबीआई अलग-अलग एफआईआर दर्ज करने जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में आठ इंजीनियरों का फंसना तय है। ये सभी इंजीनियर सीबीआई द्वारा पूर्व में दर्ज एफआईआर में नामजद हैं। इन सभी से पूछताछ भी की जा चुकी है।
इन इंजीनियरों का फंसना तय
तत्कालीन मुख्य अभियंता गुलेश चंद्रा, एसएन शर्मा, काजिम अली, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता मंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर सिंह व रूप सिंह यादव और अधिशासी अभियंता सुरेंद्र यादव। इसमें से कई रिटायर हो चुके हैं।
ये हैं आरोप
इन लोगों ने रिवर फ्रंट में लगे सामान और कराए गए कामों में लागत से ज्यादा रकम ठेकेदारों को अदा की। इस मामले में दर्जन भर से अधिक ठेकेदारों का फंसना भी तय माना जा रहा है।
शासन स्तर के अधिकारियों पर नहीं आ रही आंच
सूत्रों का कहना है कि शुरुआती जांच में शासन स्तर के अधिकारियों या किसी नेता तक फिलहाल जांच की आंच नहीं पहुंच रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि टेंडर का अधिकार मुख्य अभियंताओं को दे दिया गया था। मुख्य अभियंताओं ने ठेकेदारों के साथ सांठ गांठ कर कराए गए कामों का अधिक भुगतान किया। सूत्रों का कहना है कि नई एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई धरपकड़ शुरू करेगी।