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जांच में मिले वाड्रा की संपत्तियों से जुड़े सबूत, लंदन में भी निकली प्रॉपर्टी

प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान उन्हें ऐसे सबूत मिले हैं जो रॉबर्ट वाड्रा की मालिकाना हक वाली संपत्तियों तक ले जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक सबूत बता रहे हैं कि वाड्रा की भारत के साथ-साथ लंदन में संपत्ति हैं।

जांच में मिले वाड्रा की संपत्तियों से जुड़े सबूत, लंदन में भी निकली प्रॉपर्टी

बता दें कि शुक्रवार को ईडी ने वाड्रा के करीबी सहयोगियों के दिल्ली व बेंगलुरू स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी। साथ ही शुक्रवार देररात ईडी ने वाड्रा के सुखदेव विहार स्थित दफ्तर से भी कागजात जब्त किए थे।

बीकानेर भूमि घोटाला मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें अब और बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने शुक्रवार देर रात रॉबर्ट वाड्रा के दिल्ली के सुखदेव विहार दफ्तर से कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं।

इससे पहले शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े सहयोगियों के ठिकानों पर दिल्ली और बंगलूरू में छापेमारी की थी। यह छापेमारी विदेशों में वित्तीय परिसंपत्तियां अर्जित करने के मद्देनजर की गई। वाड्रा के वकील ने एक बयान जारी कर इन छापों को राजनीति से प्रेरित बताया है।

ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक दिल्ली के अलावा बंगलूरू में भी वाड्रा के करीबी के परिसर में छापेमारी की गई है। एजेंसी का दावा है कि यह छापेमारी रक्षा सौदे पाने वाले कथित सहयोगियों के खिलाफ की गई। वाड्रा के वकील सुमन ज्योति खेतान ने ईडी की छापेमारी पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि उनके मुवक्किल से जुड़े करीबी सहयोगियों के तीन स्थानों पर ईडी की टीम ने छापेमारी की है।

उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई नाजीवाद का सुबूत है। उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल के दौरान कुछ भी नहीं मिला है और अब वह हमें बंद करके फर्जी साक्ष्य तैयार कर रहे हैं। इस कार्यवाही के दौरान वाड्रा के घर ईडी के अधिकारियों के पहुंचने की सूचना ने भी हवा पकड़ी, लेकिन निदेशालय द्वारा इसकी पुष्टी नहीं की गई।

बता दें कि गत माह नवंबर में ईडी ने राजस्थान के सीमावर्ती शहर बीकानेर में भूमि घोटाले के सिलसिले में धन शोधन की जांच को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा को तलब किया था। बीकानेर के स्थानीय तहसीलदार ने इलाके में जमीन आवंटन में कथित फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। इसके बाद राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज कुछ प्राथमिकी और आरोपपत्रों का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने 2015 में हुए सौदे के संबंध में एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।

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