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जानिए आखिर चीन को क्यों चाहिए ब्रिटिश सूअरों की फौज, वजह चौंकाने वाली

चीन अपने सुअरों की संख्या बढ़ाने के लिए ब्रिटेन से बड़ी तादाद में सूअर के शुक्राणु खरीद रहा है। ब्रिटेन को हाल ही में सूअर के शुक्राणु को लेकर एक बड़ा ऑर्डर मिला है।

इसके लिए चीन ने ब्रिटेन के साथ 2 लाख पाउंड का करार किया है। ब्रेग्जिट के बाद यह ब्रिटेन और चीन के बीच हुआ करार है। उत्तर आयरलैंड से सूअर के जमे हुए (प्रशीतन में) शुक्राणु 5,000 मील की उड़ान कर चीन भेजे जाएंगे।

स्पीयरहेड चीन लिमिटेड के अध्यक्ष विलियम आर्थर स्पीयर्स ने कहा, “ब्रेग्जिट ब्रिटेन के लिए एक शानदार चीज है। इसके साथ ही यह चीन के लिए भी अच्छा अवसर है। चीन में सूअर का बहुत बड़ा बाजार है।”

वो कहते हैं, “दुर्भाग्य से चीन के लोग बहुत जल्दी पैसा बनाना चाहते हैं, जबकि ब्रिटिश किसान इसकी गुणवत्ता और अधिक से अधिक सूअर के बच्चे पैदा करने पर ध्यान दे रहे हैं।”

ब्रिटेन में प्रोफेशनल तरीके से बड़ी संख्या में सूअर ब्रिडिंग का इतिहास रहा है। उनके लिए उच्च प्रजनन तकनीक विकसित करना आसान है। सूअर के शुक्राणु को लिक्विड नाइट्रोजन कैन में जमाया जाता है।

जुशिजी पिग ब्रिडिंग के सीईओ लू गुआंहुआ कहते हैं, “चीन में इंसानों की आबादी बहुत ज्यादा है। यहां बहुत बड़ी संख्या में सूअर फार्म भी हैं। लेकिन इसमें बड़ी संख्या में सूअरों को इकट्ठा करना मुश्किल है क्योंकि इससे इन जानवरों में बीमारी फैलने का डर होता है।”

वो कहते हैं, “उत्तरी आयरलैंड के सूअरों की नस्ल ज्यादा अच्छी होती है, इसलिए हम इससे ज्यादा मुनाफा कमाते हैं। इस नस्ल के सूअरों को अन्य सूअरों की तुलना में 10 फीसदी कम आहार की जरूरत होती है। इससे हमारे सूअरों के भी अधिक बच्चे होंगे।”

चीन में सरकारी नियमों के कारण बाज़ार में घुसना बहुत मुश्किल है लेकिन ब्रेग्जिट की वजह से कुछ कंपनियों को नए अवसरों की उम्मीद है। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने बुधवार से चीन का अपना दौरा शुरू किया है। इस दौरे पर उनके एजेंडे में ब्रेग्जिट के बाद चीन के साथ व्यापारिक संबंध बढ़ाने पर अधिक जोर है।

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