जानें ऐसा क्या किया सीएम योगी ने, जिससे कर्मचारी की जान हलक में आ गयी…
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी का डंडा अब सरकारी कर्मचारियों पर चलने लगा है। बता दें हाल ही में शासन और प्रशासन को इस बात का निर्देश दिया था कि किसी भी सरकारी कार्यालय में काम के प्रति कोई भी कोताही नहीं बरती जाएगी। इस फरमान पर उन्होंने अपने मंत्रियों को भी अमल करने का निर्देश किया था। इस मामले में एक्शन लेते हुए सोमवार को दो मंत्रियों ने कुछ कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें कई कर्मचारी मौके से गायब मिले।
योगी का डंडा
ख़बरों के मुताबिक़ निरीक्षण के दौरान एक ऑफिस में 25 से 30 फीसदी इम्प्लॉइज ड्यूटी पर नहीं थे। दूसरे ऑफिस का भी कुछ ऐसा ही हाल था। इस दौरान मिनिस्टर ऑफ स्टेट मायनॉरिटी वेलफेयर मोहसिन रजा ने इम्प्लॉइज को हिदायत दी। कहा- पिछली सरकार का अभी हैंगओवर ही नहीं उतर रहा है किसी के दिमाग से। योगी जी के आदेश का पालन कीजिए, वरना आप सस्पेंड किए जाएंगे।
वहीं एग्रीकल्चर मिनिस्टर सूर्य प्रताप शाही ने एक ऑफिस में इम्प्लॉइज के नदारद मिलने पर वहां ताले लगवा दिए। साथ ही गायब कार्मचारियों का एक दिन का पेमेंट काटने का फरमान भी सुना दिया। मिनिस्टर ऑफ स्टेट मायनॉरिटी वेलफेयर मोहसिन रजा ने भी शिया वक्फ बोर्ड के ऑफिस का अचानक दौरा किया। इस दौरान वहां कई इम्प्लॉई और ऑफिसर्स ड्यूटी पर नहीं मिले। इस पर नाराजगी जताते हुए मोहसिन ने कहा, “यहां पैसों का दुरुपयोग करने के लिए अधिकारी बैठे हैं। 11 बज गए हैं, लेकिन कोई कर्मचारी काम पर नहीं है। उन पर कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने कहा, “वक्फ बोर्ड के अधिकारियों-कर्मचारियों पर करप्शन का आरोप है। मैं सीएम से बात करूंगा और वक्फ बोर्ड को भंग करने की बात कहूंगा।” बता दें, इससे पहले 23 मार्च को भी योगी सरकार के अकेले मुस्लिम मंत्री मोहसिन रजा ने अपने ऑफिस पहुंचकर अफसरों को डांट लगाई थी। उन्होंने अपनी सीट के पीछे मुलायम सिंह यादव और आजम खान की फोटो लगी हुई देखी तो वे नाराज हो गए।
उन्होंने अफसरों से पूछा- सरकार किसकी है? जब सही जवाब नहीं मिला तो बोले- यहां पीएम और सीएम की तस्वीर लगाइए। इसके साथ ही सीएम योगी मैदान में उतारकर खुद भी सभी चीजों पर अपनी नज़र बनाए हुए हैं। जहां 23 मार्च को उन्होंने हजरतगंज कोतवाली का दौरा किया और वहां पुलिसवालों के कामकाज का तरीका जाना।
साथ ही साफ़ सफाई बनाए रखने के भी निर्देश दिए थे, तो दूसरी ओर उन्होंने पूर्व सीएम अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवरफ्रंट का जायजा लिया था। यहां गंदगी देखकर सीएम काफी नाराज भी हुए थे। इसके बाद उन्होंने गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच के आदेश दिए थे। इन दोनों ही जगहों का निरीक्षण करने के बाद सीएम योगी ने साफ़ तौर पर हिदायत दी थी कि इसे उनका आख़िरी दौरा न समझा जाए। दौर तो अभी शुरू हुआ है। कभी भी मौक़ा मिलते ही वे लगातार इंस्पेक्शन करते रहेंगे।