जेबीटी शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
करनाल: लोअर मेरिट की काली सूची में शामिल कर नौकरी से बाहर किए गए जेबीटी शिक्षक अधिकारियों के दरवाजे खटका रहे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौैंप नौकरी के लिए गुहार लगाई गई। इससे पहले अनशन पर बैठे शिक्षकों ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और ओएसडी के नाम पत्र लिखे। पत्र में कहा गया कि सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा प्रताडि़त शिक्षक कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। अगर कोई प्रिय घटना होती है तो सीधे तौर पर सरकार जिम्मेदार होगी। उल्लेखनीय है कि शिक्षकों के परिजन और बच्चे भी अब धरना स्थल पर बैठे हुए हैं। अपने बेटे-बेटियों के साथ हुए अन्याय का विरोध करते हुए लोगों ने कहा कि पढ़े लिखे युवाओं के साथ सरकार ने विश्वासघात किया है।
एक बार नौकरी देने के बाद उन्हें अयोग्य ठहराकर नौकरी से हटाना सरेआम कानून की उल्लंघना है। इस मौके पर सर्वप्रीत और रमेश कोहली ने कहा कि एक महीना नौकरी करने के बाद सरकार ने जेबीटी शिक्षकों को चाय में से मक्खी की तरह निकाल दिया। सरकार के इस अन्याय से जेबीटी शिक्षकों के परिवारों पर आर्थिक संकट आ गया है। शिक्षक मानसिक तनाव में हैं। उन्होंने आरोप लगाए कि 2011 में पात्रता परीक्षा पास और विज्ञापन तीथि तक हर प्रकार की योग्यता पूरी करने वालों को नौकरी से निकाला गया है। यह सरकार की घटिया मानसिकता है। जबकि सरकार ने 2013 पात्रता पास केंडिटे जोकि विज्ञापन तिथि के बाद के थे, उन्हें नौकरी दे दी गई। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशो का उल्लंघन है।