टीकाकरण, अस्पताल प्रबंधन और आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के लिये गठित मंत्री-समूहों की बैठक में मंथन
टीकाकरण, अस्पताल प्रबंधन और आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के लिये गठित तीन मंत्री-समूहों की संयुक्त बैठक मंत्रालय में हुई। बैठक में मंत्री-समूहों के सदस्यों ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर विभिन्न विषयों पर मंथन किया।
बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहू लाल सिंह, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल, पर्यटन मंत्री सुउषा ठाकुर, उद्यानिकी (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह, स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, आयुष (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री रामकिशोर कावरे, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव वर्चुअली जुड़े। बैठक में अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी और संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. उल्का श्रीवास्तव उपस्थित थीं।
अस्पतालों के प्रबंधन और संसाधनों की उपलब्धता की प्रगति का आंकलन
बैठक में मंत्रियों की विभिन्न अनुशंसाओं पर चर्चा की गई। बैठक में शासकीय एवं निजी क्षेत्र के अस्पतालों के सुनियोजित प्रबंधन एवं सभी आवश्यक सुविधाओं और संस्थानों की उपलब्धता की सुनिश्चितता की प्रगति का आंकलन किया गया। मंत्री सारंग ने कहा कि कोरोना की थर्ड वेव को रोकने और बचाव की प्लानिंग रिपोर्ट जरूर बनायें। स्टाफ को मोटिवेशन और ट्रेनिंग देने की आवश्यकता बताई गई। बच्चों के साथ अभिभावकों के रहने के लिये स्पेस निर्धारित करने को भी कहा गया। उन्होंने आंकलन के लिये डाटा कलेक्शन के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग की संख्या बढ़ाकर लगातार मरीजों का ध्यान रखा जाये। दवाओं का आंकलन एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने को भी कहा गया।
मंत्री सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश में फॉर्मेसी कम्पनियों को प्रमोट करें। सभी चिकित्सा पद्धतियों को एक प्लेटफार्म पर लाने सिंक्रोनाइज करने के लिये अध्ययन कर प्रयास किये जायें। हर जिले में ऑक्सीजन वाले कम से कम 50 बेड उपलब्ध हों। बैठक में साफ-सफाई व्यवस्था, जिला अस्पताल की प्रबंधन की तैयारी आदि पर चर्चा की गई।
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने पर मंथन
राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने सुझाव दिया कि जिला मुख्यालय पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 80 प्रतिशत सुविधाएँ देने से जिला अस्पताल पर लोड कम होगा। वेंटिलेटर बेड और सीटी स्केन मशीन के बारे में भी चर्चा की गई। बैठक में कहा गया कि समय के साथ स्वास्थ्य सेवाएँ बेहतर हो सके, इसके लिये राज्य शासन भरसक प्रयास कर रहा है।
टीकाकरण और स्वास्थ्य अमले की उपलब्धता प्राथमिक लक्ष्य
बैठक में बताया गया कि कॉलेजों में भी कैम्प लगाकर टीकाकरण करवाया जायेगा। लगातार वैक्सीनेशन किया जा रहा है। कर्मचारियों के शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य भी पूर्णता की ओर अग्रेषित है। आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवाओं में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के प्रयास भी लगातार जारी हैं। चिन्हांकित 126 टेस्ट की सुविधाएँ हर जिले में उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इससे टेस्ट के लिये सेम्पल बाहर भेजने की आवश्यकता नहीं होगी। आयुष्मान कार्ड की संख्या अब एक करोड़ से बढ़कर लगभग ढाई करोड़ हो गई है।
बैठक में डॉक्टर्स की भर्ती, नर्स, लैब टेक्नीशियन्स की उपलब्धता पर भी चर्चा की गई। बताया गया कि 1565 प्रसव केन्द्र क्रियाशील हैं। गर्भवती महिलाओं का चेकअप किया जा रहा है। सभी जिला अस्पतालों में लैब बन गई हैं। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभाग को दोनों विभाग के मंत्रियों की सहमति से संविलियन के प्रस्ताव को अग्रेषित किया गया है। आदिवासी विकासखण्डों में काम करने वाले डॉक्टरों को इन्सेंटिव देने पर भी विचार किया जा रहा है।
लक्ष्य प्राप्त करने की रणनीति पर चर्चा
बैठक में बताया गया कि टीकाकरण महा-अभियान के प्रथम दो दिवसों में देश में सर्वाधिक वैक्सीनेशन मध्यप्रदेश में हुआ। प्रदेश में इंदौर जिले में सर्वाधिक पात्र हितग्राहियों का वैक्सीनेशन किया गया। नगर पंचायत बुढ़ार में शत-प्रतिशत नागरिकों का पूर्ण टीकाकरण हुआ। जिला सागर के केन्द्रीय जेल के कैदियों का शत-प्रतिशत टीकाकरण हुआ। प्रदेश में उच्च जोखिम वाले समूह का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करवाया गया है। प्रदेश की 20 ग्राम पंचायतों में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन हुआ है। युवा शक्ति कोरोना मुक्ति अभियान के अंतर्गत 42 जिलों में 1200 मास्टर प्रशिक्षक प्रशिक्षित किये गये हैं। अगली दो तिमाहियों के लिये पहली और दूसरी खुराक का वर्गवार वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर प्लान प्रदर्शित किया गया। बैठक में जुलाई से दिसम्बर तक लगातार विभिन्न लक्ष्य प्राप्त करने की रणनीति पर चर्चा की गई।