ट्रक और बस ऑपरेटर्स संगठन कल से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर, मच गया हाहाकार
नयी दिल्ली : ट्रक और बस ऑपरेटर्स संगठन (AIMTC) अपनी पुरानी मांगों के साथ 20 जुलार्इ यानी कल से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जाने वाले है. ट्रक ऑपरेटर्स की इस हड़ताल से बुधवार को कर्इ बड़े शहरों के सप्लार्इ केंद्रो पर नर्इ लोडिंग और बुकिंग बंद होती दिखाई दे रही है. बता दें कि शुक्रवार से करीब 90 ट्रक और 50 लाख बस के पहिये थम सकते हैं. इसके पहले हड़ताल की धमकी के बाद सरकार ने ट्रांसपोटर्स को मनाने और कुछ रियायते देने की पेशकश की थी.
इस मामले पर सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार अभी ट्रांसपोटर्स को मनाने के प्रयास में लगी हुर्इ है और संभव हैं कि आज (गुरुवार) को इस पर निर्णायक सहमति बन जाए. दो दिन पहले ही ट्रांसपोटर्स को लुभाने के लिए ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने लोडिंग सीमा के बढ़ाने के साथ-साथ दो ड्राइवर्स की अनिवार्यता, फिटनेस सर्टिफिकेट और ओवरलोडिंग पर रियायत जैसी कुछ पेशकश की है. ट्रक हड़ताल का सीधा असर आम आदमी पर होता हैं, क्योंकि ट्रक हड़ताल से दूध-सब्जी और बाकी सामानों की सप्लाई बंद हो जाएगी. ऐसे में डिमांड बनी रहेगी और सप्लाई घट जाएगी. लिहाजा आम आदमी को इन चीजों के लिए ज्यादा दाम चुकाने होंगे.
प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने मांग की कि डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए या फिर मौजूदा समय में इनपर केन्द्रीय व राज्यों की तरफ से लगने वाले टैक्स को कम किया जाए. टोल कलेक्शन सिस्टम को भी बदला जाए क्योंकि टोल प्लाजा पर र्इंधन और समय के नुकसान से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है. थर्ड पार्टी बीमा प्रिमियम पर जीएसटी की छूट मिले और इससे एजेंट्स को मिलने वाले अतिरिक्त कमिशन को भी खत्म किया जाए. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44AE में प्रिजेंप्टिव इनकम के तहत लगने वाले टीडीएस को बंद किया जाए और र्इ-वे बिल में संशोधन हो. ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया से बातचीत में इस बात के संकेत दिए हैं कि दो ड्राइवर्स रखने की अनिवार्यता से राहत दी जा सकती है. वहीं फिटनेस की बात है तो हर साल छोड़कर इसे एक साल छोड़कर कराने की रियायत दिया जा सकती है.