नई दिल्ली: नेक्स्ट जेनरेशन की ट्रेन कही जाने वाली ट्रेन- 18 देश को देश की सबसे तेज रफ्तार की ट्रेन बन गई है। 180 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ने के बाद इस सेमी हाई स्पीड की ट्रेन को अधिकारिक रूप से देश की सबसे तेज दौड़ने वाली ट्रेन घोषित की गई है। रेल मंत्री प्यूष गोयल ने ट्वीट कर इसका ऐलान किया है। जानकारी के मुताबिक चीफ कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी यानी CCRS ने कुछ शर्तों के साथ कमर्शियल ऑपरेशन के लिए ट्रेन को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की मंजूरी दी है। बताया जा रहा है कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ट्रैक के किनारे मजबूत फेंसिंग का प्रावधान किया गया है।
CCRS ने रेलवे बोर्ड से कहा है कि, ‘130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ाने के लिए रेलवे को महत्वपूर्ण और आवश्यक स्थानों पर मजबूत फेंसिंग करनी चाहिए, जबकि 130 से 160 किलोमीटर तक की स्पीड के लिए पूरे ट्रैक के किनारे मजबूत फेंसिंग होनी चाहिए।’ किसी भी नई टेक्नॉलजी अपनाने से पहले CCRS की मंजूरी पूर्व निर्धारित शर्त है। रेलवे मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि जहां ट्रैक की स्थिति बहुत अच्छी है वहां ट्रेन की स्पीड अधिक हो सकती है।
गोयल ने एक विडियो क्लिप ट्वीट करते हुए लिखा, ‘स्पीड चाहिए: 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ते हुए, आधिकारिक रूप से भारत की सबसे तेज ट्रेन।’ 100 करोड़ रुपये की लागत से महज 18 महीनों में तैयार ट्रेन 18 को दिल्ली-वाराणसी वाया इलाहाबाद रूट पर दौड़ाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। हालांकि अभी इसकी तारीख निश्चित नहीं है। नेक्स्ट जेनरेशन की ट्रेन कही जा रही ट्रेन- 18 का आज से ट्रायल शुरू होने जा रहा है। रेलवे की ओर से चेन्नै की इंटेग्रल कोच फैक्टरी में बनी यह ऐसी ट्रेन है, जिसे चलाने के लिए किसी इंजन की जरूरत नहीं होगी। 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम यह ट्रेन आधुनिक सुविधाओं से लैस है।