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‘ट्रोल्स मुझे रोक नहीं सकते, गुस्सा हूं, पर डरा नहीं’: नसीरुद्दीन शाह

एक्टर नसीरुद्दीन एक बार फिर अपने बयान पर हुए विवाद को लेकर अपना पक्ष रखा।नसीरुद्दीन ने देश में भीड़ की हिंसा को लेकर धर्म के आधार पर अपने बच्चों के लिए डर लगने की बात कही थी। इसके बाद इस पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।

नई दिल्ली: एक्टर नसीरुद्दीन शाह के ख़ास बातचीत में बयान पर उठे विवाद को लेकर एक बार फिर अपना पक्ष दोहराया। राजदीप सरदेसाई से बातचीत में नसीरुद्दीन ने अपने तमाम बयानों पर पर पक्ष रखा। उन्होंने साफ़ किया कि बयान के बाद जिस तरह सोशल मीडिया पर वो ट्रोल्स के निशाने पर आए हैं, इससे उन्हें रोका नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी साफ़ किया कि वो डरे नहीं हैं, लेकिन उन्हें गुस्सा जरूर है। एक्टर ने कहा, “मुझे अपने बयान पर खेद नहीं है। मैं ये भी नहीं कहता कि मुझे Misquote किया गया। मैं डरा नहीं हूं, लेकिन गुस्से में हूं। पहले मॉब लिंचिंग नहीं होती थी। आजकल ये चीजें हो रही हैं। मैं अपनी चिंता व्यक्त कर रहा हूं। मैं अपने बच्चों के लिए परेशान हूं।

मैं बतौर मुस्लिम इंसिक्योर नहीं हूं।” बता दें कि एक्टर ने देश में धर्म और जाति के नाम पर बुलंदशहर का जिक्र करते हुए भीड़ की हिंसा पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि एक गाय की जान पुलिस अफसर से ज्यादा कीमती हो गई है। हमने (पत्नी रत्ना पाठक शाह) अपने बच्चों को धार्मिक तालीम नहीं दी है। मुझे डर लगता है कि अगर उनसे उनका धर्म पूछा गया तो वे क्या जवाब देंगे? समाज में बढ़ रही साम्प्रदायिकता पर अपनी बात के क्रम में ही उन्होंने ये भी कहा, समाज में इस तरह का जहर फ़ैल चुका है। मुझे मेरे बच्चों को लेकर चिंता होती है। इससे पहले एक्टर ने क्रिकेटर विराट कोहली के व्यवहार पर भी निशाना साधा था। नसीर ने ट्रिपल तलाक और तमाम दूसरे मुद्दों पर भी बात की।

मेरा दर्द भारतीय का, मुस्लिम का नहीं

“आप किसी चीज के बारे में तभी बोलते हैं जब आपको उसकी चिंता होती है। समाज में नफरत और सांप्रदायिकता फैलाई जा रही है। मैं ये बातें एक मुस्लिम शख्स के रुप में नहीं बोल रहा हूं। मैं अपनी मुस्लिम पहचान का फायदा नहीं उठाता। सभी धर्मां का मैं सम्मान करता हूं। एक भारतीय होने के नाते मैंने अपना दर्द बयान किया था मुस्लिम होने के नाते नहीं। ट्रोलर्स के पास कोई काम नहीं है। वे मुझे रोक नहीं सकते।”किसी राजनीतिक दल की पक्षधरता को लेकर नसीरुद्दीन ने साफ़ किया, “मुझे कांग्रेस का प्रवक्ता कहा जाता है। मैं कांग्रेस की कठपुतली नहीं हूं। लोग मेरे बयान को राजनीति से जोड़ रहे हैं। मैं किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा हुआ नहीं हूं। मैं किसी पार्टी के सपोर्ट में नहीं हूं।”

अनुपम खेर का बयान समझ से परे

अनुपम खेर ने नसीरुद्दीन के बयान का विरोध किया था। उन्होंने कहा था- ‘देश में इतनी आजादी है कि सेना को अपशब्द कहे जा सकते हैं, एयर चीफ की बुराई की जा सकती है। सैनिकों पर पथराव किया जा सकता है। इस देश से और कितनी आजादी चाहिए? उन्हें (नसीरुद्दीन शाह) जो कहना था वो उन्होंने कह दिया। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो सच है।’ इंटरव्यू में अनुपम खेर के बयान पर नसीर ने कहा, ”सच हमेशा रिलेटिव होता है। मुझे नहीं पता अनुपम के बयान का क्या मतलब था। मेरे घर के कई लोग इंडियन आर्मी में हैं। मैं आर्मी का सलाम करता हूं। मेरे भाई और पापा ने इस देश के लिए काम किया है। मेरे परिवार में से किसी के साथ कभी भेदभाव नहीं हुआ है।”

ट्रिपल तलाक पर नसीर

नसीरुद्दीन शाह ने ट्रिपल तलाक कानून को खत्म किए जाने की तारीफ की, उन्होंने कहा, “मैं इस पर अपना बयान दे चुका है, ये प्रथा खत्म करना अच्छा था। मैं इस फैसले की तारीफ करता हूं”

पाकिस्तानी कलाकारों के बैन पर

पाकिस्ती कलाकारों को भारत में आने से रोका जाता है। लेकिन वहां अपनी फिल्में रिलीज की जाती है। अपने बिजनेस फायदे के लिए ये किया जाता है। मुझे समझ नहीं आता ये सब। पाकिस्तान ने राजनीति के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल किया। इमरान खान को पाकिस्तान पर फोकस करना चाहिए”

विराट कोहली की निंदा

एक्टर ने कहा, “मैं हमेशा से विराट की क्रिकेट का फैन रहा हूं। लेकिन फील्ड में उसका बिहेवियर मुझे पसंद नहीं। क्यों वे धोनी, द्रविड, कुंबले की तरह सभ्य बिहेव नहीं करते? मैं चाहता हूं कोई विराट को समझाए कि ऐसा बिहेव ना करें। वे क्यों ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों को कॉपी कर रहे हैं? फील्ड पर वे क्यों एग्रेसिव होते हैं? लोग मुझे विराट कोहली के खिलाफ बोलने के लिए ट्रोल कर रहे हैं।”

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