डिप्रेशन कम करने से लेकर हड्डियों तक को मज़बूत करता है तिल…
भारतीय खानों में तिल का इस्तेमाल होना आम है, इसलिए लगभग सभी घरों में यह आसानी से मिल जाता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल मीठी चीज़ों में किया जाता है, जैसे लडडू या गुड़ की पट्टी। खासकर गुड़ के साथ मिलकर इसका स्वाद और भी अच्छा हो जाता है। तिल में मोनो-सैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो शरीर से कोलेस्ट्रोल को कम करता है। इसलिए दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए भी यह बेहद फायदेमंद होता है।
इसका ज़्यादा उपयोग सर्दी के मौसम किया जाता है क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। तिल में सेसमीन नाम का एन्टीऑक्सिडेंट पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। अपनी इस खूबी की वजह से ही यह लंग कैंसर, पेट के कैंसर, ल्यूकीमिया, प्रोस्टेट कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका को कम करता है।
इसके अलावा तिल के कई फायदे हैं, जो आपके शरीर को ताकत देते हैं और बीमारियों से दूर करते हैं। तो आइए जानते हैं तिल के फायदों के बारे में:
हड्डियों की मज़बूती
तिल में डाइट्री प्रोटीन और एमिनो एसिड होता है जो बच्चों की हड्डियों के विकास को बढ़ावा देता है। इसके अलावा यह मांस-पेशियों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसके तेल की मालिश से दर्द में राहत मिलती है।
तनाव कम करना
तिल में कुछ ऐसे तत्व और विटामिन पाए जाते हैं जो तनाव और डिप्रेशन को कम करने में सहायक होते हैं। रोजाना थोड़ी मात्रा में तिल का सेवन कर आप मानसिक समस्याओं से निजात पा सकते हैं।
बालों के लिए वरदान
तिल का प्रयोग बालों के लिए वरदान साबित हो सकता है। तिल के तेल का प्रयोग या फिर रोज़ाना थोड़ी मात्रा में तिल को खाने से, बालों का असमय पकना और झड़ना बंद हो जाता है।
दिल की मांसपेशियों के लिए
तिल में कई तरह के लवण जैसे कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम होते हैं जो हृदय की मांसपेशियों को सक्रिय रूप से काम करने में मदद करते हैं।
स्किन के लिए फायदेमंद
तिल का तेल त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है। तिल का उपयोग चेहरे पर निखार के लिए भी किया जाता है। इसकी मदद से त्वचा को ज़रूरी पोषण मिलता है और इसमें नमी बरकरार रहती है। तिल को दूध में भिगोकर उसका पेस्ट चेहरे पर लगाने से चेहरे पर प्राकृतिक चमक आती है, और रंग भी निखरता है।
खांसी से मिलती है राहत
सूखी खांसी होने पर तिल को मिश्री और पानी के साथ खा लें। इसके अलावा तिल के तेल को लहसुन के साथ गर्म करके गुनगुने रूप में कान में डालने पर कान का दर्द भी खत्म हो जाता है।