डॉ. जगदीश गांधी ने की परमाणु हथियारों के सम्पूर्ण उन्मूलन की मांग
लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ के संस्थापक-प्रबन्धक डा. जगदीश गांधी ने बुधवार को सीएमएस गोमती नगर विस्तार में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु उन्मूलन दिवस के मौके पर मीडिया को संबोधित किया। इस संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय दिवस के मौके पर डा. गांधी ने न्यूक्लियर वेपन को खत्म करने के लिए पूरे विश्व से अपील की।
उन्होंने बताया कि आज का दिन हमें 1983 में घटी उस घटना की याद दिलाता है, जब परमाणु युद्ध होते-होते बचा था। इस मौके पर ‘द मैन हू सेव द वर्ल्ड’ फिल्म के ट्रेलर को भी प्रदर्शित किया गया। इस कार्यक्रम में सीएमएस की प्रधानाचार्याओं तथा शिक्षकों ने भी सहभागिता की। पुरस्कार विजेता फिल्म ‘द मैन हू सेव द वर्ल्ड’ में यह दर्शाया गया कि कैसे कर्नल स्टैनिस्लाव पेट्रोव ने एक ऐसी संभावित परमाणु आपदा को सही समय पर रोका, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। उस दिन मास्को के खिलाफ आने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका के बैलिस्टिक मिसाइल हमले को सोवियत उपग्रहों ने परमाणु प्रारंभिक चेतावनी दी थी, लेकिन कर्नल स्टैनिस्लाव पेट्रोव ने तय किया कि वह काउंटर फ़ायर नहीं करेंगे। बाद में यह पता चला कि सोवियत उपग्रहों कि चेतावनी गलत थी। डा. गांधी ने कहा कि हम सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित विश्व के चीफ जस्टिस कान्फ्रेंस के माध्यम से लगातार न्यूक्लियर वेपन पूरे विश्व में बंद करवाने के लिए प्रयासरत हैं। आगामी 14 नवम्बर से 20 नवम्बर 2018 तक लखनऊ में आयोजित 19वें चीफ जस्टिस कान्फ्रेंस में न्यूक्लियर वेपन को खत्म करने की मांग करेंगे। उन्होंने बताया कि अब तक 57 देशों के चीफ जस्टिसों की स्वीकृतियां हमारे कार्यक्रम में सम्मिलित होने की हमारे पास आ चुकी हैं। हम पूरे विश्व के लगभग सभी देशों को पत्र भेजकर और फ़िल्म बनाकर भी भेज रहे हैं और न्यूक्लियर वेपन बन्द करने की मांग कर रहे हैं। डा. गांधी ने आगे कहा कि, इस धन को परमाणु हथियार उद्योग से स्थायी विकास लक्ष्यों और मानव और पर्यावरणीय आवश्यकता के अन्य क्षेत्रों में पुनः आवंटित किया जा सकता है. विशेष रूप से परमाणु हथियारों की दौड़ को रोक दिया जाना चाहिए और $ 100 बिलियन वैश्विक परमाणु हथियारों के बजट को गरीबी समाप्त करने, जलवायु परिवर्तन को उलटाने, महासागरों की रक्षा करने, एक सतत अर्थव्यवस्था बनाने और बुनियादी शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए पुनः निर्देशित किया जाना चाहिए।