जीवनशैली

तोहफा लेने के बजाए देने से पांच गुना बढ़ जाती है खुशी

पूरी दुनिया में नए साल के स्वागत की तैयारियां चल रही है। कुछ लोग घर से दूर परिवार के साथ छुट्टियों पर जाने का प्लान बना रहे हैं तो कुछ नए साल पर प्रियजनों को दिए जाने वाले गिफ्ट को लेकर माथापच्ची कर रहे हैं। गिफ्ट पाने वाला व्यक्ति जितना खुश होता है उतनी ही खुशी गिफ्ट देने वाले को भी होती है। यह बात हम नहीं कह रहें बल्कि एक शोध में सामने आई है।

तोहफा लेने के बजाए देने से पांच गुना बढ़ जाती है खुशी5 गुना ज्यादा टिकती है गिफ्ट देने वाले की खुशी

यह शोध यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो और नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी ने संयुक्त रूप से मिलकर किया है। इसके मुताबिक गिफ्ट देने वाले की खुशी किसी दूसरी खुशी से पांच गुना ज्यादा देर तक रहती है।

इस शोध का विषय ‘तोहफे देने की खुशी और इसका मनोविज्ञान’ था। शोध में शामिल हर व्यक्ति (वॉलंटियर) को पांच दिन तक पांच-पांच डॉलर दिए गए। इन लोगों को मिले हुए पांच डॉलर को किसी जरूरतमंद व्यक्ति को देने को कहा गया। सभी ने बिल्कुल ऐसा ही किया और पैसों को दान के रूप में किसी जरुरतमंद को दे दिया। शोध के दौरान सभी वॉलंटियर्स की पांच दिनों तक निगरानी की गई और खुशी का पैमाना मापा गया।

पाया गया कि जब लोगों को 5 दिन तक रोज 5-5 डॉलर देने के बाद छठे दिन नहीं दिए गए तो उनकी खुशी में बड़ी गिरावट आई और गिफ्ट पाने की खुशी औसतन 1 दिन तक ही रही।  वहीं जब वॉलंटियर्स ने किसी और को अपने जुटाए पैसे से गिफ्ट दिया तो वो खुशी 5 दिन से भी ज्यादा उनके दिल-दिमाग में  रहा। यानी गिफ्ट पाने की तुलना में, गिफ्ट देना 5 गुना ज्यादा खुशी देता है।

खुशी पाने के तरीके में बदलाव की जरुरत

यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के रिसर्चर एड ओब्रायन ने बताया कि शोध के जरिये हमारा मकसद यह दिखाना था कि खुशी केवल गिफ्ट पाने से नहीं बल्कि देने से भी मिलती है। कुछ लोग अपने किसी एक खास व्यक्ति को ही बार-बार तोहफे देते हैं तो कुछ लोग अलग-अलग लोगों को तोहफे देते हैं। लंबे समय तक रहने वाली खुशी के लिए खुशी पाने के इस तरीके में बदलाव की जरूरत है।

हेडोनिक अडैप्शन का अपवाद है ये खुशी 

साइकोलॉजिकल साइंस नाम के जर्नल के मुताबिक ज्यादातर खुशियां उसी दिन खत्म हो जाती हैं। इसे बैक टू बेसलाइन इफेक्ट के नाम से जाना जाता है। कुछ ही देर में स्थिर हो जाने वाली इन खुशियों को हेडोनिक अडैप्शन का नाम दिया गया। हालांकि रिसर्च में तोहफे या डोनेशन देने की खुशी को हेडोनिक अडैप्शन का अपवाद बताया गया। इसके अलावा शादी, प्रेग्नेंसी, प्रमोशन जैसी बातों से मिलने वाली खुशी को भी हेडोनिक अडैप्शन से बाहर रखा गया।

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