दरभंगा पार्सल ब्लास्ट की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) करेगी। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनआईए ने जांच अपने जिम्मे लेने की कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अनुसंधान का जिम्मा एनआईए को सौंपने का फैसला लिया गया। दरभंगा जंक्शन पर पार्सल में हुए धमाके के पीछे बड़ी आतंकी घटना का अंदेशा जताया गया है। इसके तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी जुड़े हैं। एनआईए को जांच सौंपे जाने के बाद अब इस मामले की साजिश की तह तक पहुंचने की कोशिश होगी।
जल्द दरभंगा पहुंचेगी एनआईए की टीम
सूत्रों के मुताबिक दरभंगा में पार्सल ब्लास्ट की जांच एनआईए को सौंपने का फैसला गृह मंत्रालय ने ले लिया है। इस बाबत गुरुवार की दोपहर आदेश जारी कर दिया गया है। गृह मंत्रालय का आदेश मिलते ही एनआईए की टीम ने मामले की जांच अपने जिम्मे लेनी की कार्रवाई शुरू कर दी। एक-दो दिनों में एनआईए की टीम दरभंगा पहुंचेगी। इसके बाद जीआरपी से एफआईआर की कॉपी समेत जांच से जुड़े अब तक के दस्तावेज लिए जाएंगे।
तेलंगाना और यूपी में हिरासत में लिए गए हैं संदिग्ध
अब तक पार्सल ब्लास्ट की जांच में तीन राज्यों की आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) लगी थी। बिहार के अलावा तेलंगाना और उत्तर प्रदेश एटीएस की टीम एक-दूसरे के इनपुट पर कार्रवाई कर रही थी। वहीं, दरभंगा जीआरपी की एक टीम को छानबीन के सिलसिले में सिकंदराबाद भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक धमाके से जुड़े चार संदिग्धों को तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में हिरासत में लिया गया है। उत्तर प्रदेश के शामली में पिता और पुत्र को हिरासत में लिया गया है। बताया जाता कि इनमें से ही किसी एक की आईडी पर वह सिम लिया गया था, जिसका नम्बर पार्सल पर मिला है।
सिकंदराबाद के बाद शामली से जुड़े तार
17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर एक पार्सल में कम क्षमता का धमाका हुआ था। इस धमाके के बाद जांच का दायरा बढ़ता ही चला गया। पार्सल तेलंगाना के सिकंदराबाद से दरभंगा भेजा गया था। वहीं, पार्सल पर जो मोबाइल नम्बर लिखा था, वह यूपी के शामली का निकला। जांच आगे बढ़ने के बाद इसके पीछे बड़ी आतंकी वारदात की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, पार्सल में धमाके की वजह से यह साजिश अंजाम तक नहीं पहुंच पाई।