लखनऊ : तेज बारिश ने राजधानी के लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। गलियों से लेकर प्रमुख मार्गों तक भारी जलभराव हो गया। पुराने लखनऊ में ही नहीं इंदिरानगर और गोमतीनगर जैसे इलाके जलमग्न हो गए। कार्यालय जाने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग ने 48 घंटे तक बारिश की संभावना जताई है। हजरतगंज चौरहे पर भी भारी जलभराव हो गया। यातायात नियंत्रित करना ट्रैफिक कर्मियों के लिए मुश्किल हो गया। मवैया में रात होते-होते यहां इतना पानी भर गया कि लोगों का गुजरना इस मार्ग से मुश्किल हो गया। यही हाल केकेसी के पास स्थित छत्ते वाला पुल का रहा।
नरही, पवनपुरी के रास्ते जलमग्न : नरही में नालियों की सफाई नहीं होने की वजह से गलियों के अंदर पानी भर गया। योजना भवन के पास स्थित क्लेस्क्वायर में सेंट मार्क्स स्कूल वाली सडक़ जलमग्न हो गई। आशियाना में भी जलभराव की समस्या रही। इसके अलावा जानकीपुरम सेक्टर जी, बाबू कुंज बिहारी वार्ड पवनपुरी आलमबाग के अलावा 1090 चौराहा, सिकंदरबाग चौराहा, विभूतिखंड में कई मार्ग जलमग्न हो गए। वहीं पीजीआई इलाके की कई कॉलोनियों की सडक़ों पानी भर गया। साउथ सिटी के ई ब्लॉक, बी ब्लॉक की सडक़ें पानी से भर गयीं। यहां तक कि कॉलोनी के वृद्धाश्रम तक जाने वाली सडक़ पर भी निकलना मुश्किल हो गया। तेलीबाग के गोपाल नगर, ए डिफेंस कॉलोनी की मुख्य सडक़ पर तीन फीट तक पानी भर गया। आशियाना के देवीखेड़ा, हिमालयन कॉलोनी में भी जलभराव से लोग परेशान रहे। अध्यक्ष टीएस रावत ने बताया कि ड्रेनेज सिस्टम सीवर सब जाम हो गए।
निगोहां में हाईवे का नाला चोक दुकानों में भरा पानी : बारिश के चलते निगोहां कस्बे में नाला चोक होने से हाइवे में जलभराव हो गए। बरसात का पानी अधिक्तर दुकानों में भर गया। कस्बा वासियों ने एनएचआई की टीम पर नालों की सफाई न करने का आरोप लगाते हुए विरोध जताया। वहीं लगातार हुई बारिश से कस्बा में ज्यादातर दुकानें बन्द रहीं। कई बसें रद्द हुईं : चौबीस घंटे से हो रही बारिश का असर रोडवेज सेवा पर पड़ा। गुरुवार को बस स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या काफी कम थी। जिसे देखते हुये आलमबाग बस टर्मिनल से मुजफ्फरपुर, दिल्ली और इलाहाबाद के रूट की कई बसें निरस्त की गई। आलमबाग डिपो के एआरएम डीके गर्ग ने बताया कि मौसम के कारण रद्द हुई बसों की सूचना यात्रियों को मैसेज के जरिये दी गई थी।
चिडिय़ाघर सूना रहा : बारिश के चलते चिडिय़ाघर में सामान्य दिनों की तरह टिकटों की बिक्री नहीं हो सकी। साल में ये पहला मौका था जब टिकटों का रिकार्ड टूटा। गुरुवार को परिसर में दर्शकों की संख्या हजार से भी कम रही। केवल 505 दर्शकों ने ही चिडिय़ाघर की सैर की।