निर्भया केस: SC में सुनवाई शुरू, दोषी का दावा- ‘मैंने दुष्कर्म ही नहीं किया’
नई दिल्ली Nirbhaya Case : 16 दिसंबर, 2016 को दिल्ली में हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के दोषी मुकेश की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। मंगलवार को अपना पक्ष रखते हुए निर्भया के दोषी मुकेश ने कहा कि राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज करते समय सोच विचार नहीं किया। राष्ट्रपति के सामने मेरी डीएनए रिपोर्ट नहीं पेश की गई, जिससे यह साबित होता है कि मैंने दुष्कर्म नहीं किया।
बता दें कि मुकेश ने राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दी है। साथ ही एक फरवरी के डेथ वारंट पर भी रोक लगाने की मांग की है। यह और बात है कि दया याचिका पर राष्ट्रपति का फैसला अंतिम माना जाता है, बावजूद इसके मुकेश ने फांसी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट से रहम की गुहार लगाते हुए याचिका दायर की है।
मुकेश की याचिका पर जस्टिस आर. भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ दोपहर सुनवाई करेगी। मुकेश ने अपनी याचिका में कहा है कि राष्ट्रपति ने दया याचिका पर ठीक से विचार नहीं किया और जल्दबाजी में उसे खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने गत 14 जनवरी को मुकेश की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही विनय की क्यूरेटिव याचिका भी खारिज कर दी गई थी। क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद मुकेश ने दया याचिका भेजी थी।
कोर्ट ने कहा- प्राथमिकता के आधार पर होगी सुनवाई
सोमवार को मुकेश की वकील ने प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की पीठ के समक्ष याचिका का जिक्र करते हुए मामले पर शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई। इस पर पीठ ने टिप्पणी की, ‘अगर किसी को फांसी पर लटकाया जाने वाला है तो इससे ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं हो सकता। फांसी के मामले को शीर्ष प्राथमिकता दी जाएगी। बाद में शाम को जारी हुई सुप्रीम कोर्ट की 28 जनवरी की कार्यसूची में मुकेश की याचिका सुनवाई के लिए शामिल थी।
2012 में हुई थी निर्भया के साथ दरिंदगी
मालूम हो कि दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात पैरामेडिकल छात्रा से चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। छात्र से इस कदर दरिंदगी हुई थी कि बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से चारों अभियुक्तों मुकेश, पवन गुप्ता, अक्षय सिंह और विनय कुमार शर्मा को मृत्युदंड दिया जा चुका है।
डेथ वारंट जारी, 1 फरवरी की सुबह 6 बजे होनी है फांसी
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका भी खारिज हो चुकी है। उसके बाद ही निचली अदालत ने दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया था। निचली अदालत ने चारों दोषियों को फांसी देने के लिए एक फरवरी सुबह छह बजे का वक्त तय किया है।