नोटबंदी को लेकर आए दिन नए नियम बनाए जाने के पीछे बड़ी वजह देश के केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच समन्वय की कमी तो नहीं है? अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की खबर के मुताबिक, नोटबंदी के फैसले को लागू करने के दबाव में भारतीय रिजर्व बैंक और भारत सरकार के बीच संचार के कमी खुलकर सामने आई। सूत्रों का कहना है कि नोटबंदी के बेहतर क्रियान्वयन में सरकार और आरबीआई के बीच तालमेल की कमी खूब खली है।
ताजा मामला तब खुलकर सामने आया जब 5,000 से ऊपर के पुराने नोटों को जमा कराने को लेकर नई शर्त रखी गई थी। सरकार से संबंधित सूत्रों का कहना है कि आरबीआई की इससे संबंधित बेहद ‘खराब ढंग से ड्राफ्ट’ की गई थी, खासकर उस सेक्शन को जिसमें पुराने नोटों को जमा करने में हुई देरी के कारण पूछे गए थे।
दूसरी ओर, आरबीआई से संबंधित सूत्रों का कहना है कि सर्कुलर में बार-बार हो रहे संशोधनों से आरबीआई की छवि खराब हुई है, जो बदलाव अधिकांशतः केंद्र सरकार के निर्देश पर किया जा रहा है। वहीं सरकार में कुछ लोगों का मानना है कि आरबीआई किसी भी तरह के निर्देश पर बहुत धीरे प्रतिक्रिया दे रहा है।
दूसरी ओर, आरबीआई से संबंधित सूत्रों का कहना है कि सर्कुलर में बार-बार हो रहे संशोधनों से आरबीआई की छवि खराब हुई है, जो बदलाव अधिकांशतः केंद्र सरकार के निर्देश पर किया जा रहा है। वहीं सरकार में कुछ लोगों का मानना है कि आरबीआई किसी भी तरह के निर्देश पर बहुत धीरे प्रतिक्रिया दे रहा है।