नई दिल्ली: कांग्रेस की पंजाब इकाई में कलह के जल्द खत्म होने की संभावनाओं को मंगलवार को उस वक्त बल मिला, जब मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और कहा कि आलाकमान जो भी फैसला करेगा, वह सबको स्वीकार होगा। सोनिया के आवास 10 जनपथ पर उनके साथ करीब डेढ़ घंटे की मुलाकात के बाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ” सरकार या कांग्रेस को लेकर जो फैसला कांग्रेस अध्यक्ष करेंगी, हम उसे स्वीकार करेंगे। हम निर्णयों को पंजाब में लागू करेंगे…पंजाब में हम चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं।” इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े भी शामिल थे।
माना जा रहा है कि आलाकमान के साथ अमरिंदर की इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस की पंजाब इकाई में कलह को दूर करने के फॉर्मूले पर चर्चा हुई है। प्रदेश कांग्रेस में यह संकट आरंभ होने के बाद अमरिंदर सिंह की कांग्रेस आलाकमान के साथ यह पहली मुलाकात है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू दोनों, के लिए सम्मानजनक स्थिति वाले फॉर्मूले से पंजाब में पार्टी की कलह को दूर करने और कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को एकजुट करने की कोशिश कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक के बाद अब जल्द ही निर्णयों के बारे में घोषणा की जा सकती है। सूत्रों की मानें तो सिद्धू को चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख या संगठन या सरकार में कोई दूसरी महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है, हालांकि चर्चा यह भी है कि अमरिंदर सिंह अपने विरोधी नेता को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपे जाने के पक्ष में नहीं हैं।
सिद्धू की भविष्य की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर अमरिंदर सिंह ने कहा, ”मैं सिद्धू साहब के बारे में नहीं जानता। बैठक में सरकार के मुद्दों पर चर्चा हुई। राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा की गई।” कांग्रेस की पंजाब इकाई में चल रही रस्साकशी से अवगत एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”सहमति का फार्मूला जल्द ही सामने आ सकता है। अगर सिद्धू को सरकार में कोई भूमिका दी जाती है या फिर चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाया जाता है तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का पद किसी ङ्क्षहदू नेता को दिया जा सकता है।”