पत्रकार हत्याकांड: भागलपुर जेल शिफ्ट किए गए शहाबुद्दीन
शहाबुद्दीन से इतनी संख्या में रोज लोगों के मिलने से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीवान जेल में उनका क्या रूतबा है. इतने लोगों का एक साथ मिलना कहीं न कहीं नियमों का भी उल्लंघन है. आईजी जेल आनन्द किशोर ने बताया कि डीएम के रिपोर्ट के आधार पर उनको शिफ्ट किया गया है.
बताया जाता है कि रविवार और बुधवार को जेल में शहाबुद्दीन से मिलने काफी तादाद में लोग आते थे. मुलाकातियों में ज्यादातर लोग अपनी समस्या लेकर आते थे. शहाबुद्दीन वहीं से फरमान जारी करते थे. एक तरह से उनका जेल के अंदर ही जनता दरबार लगता था, जहां लोगों की समस्याएं सुलझाई जाती.
बताते चलें कि पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में शहाबुद्दीन संदेह के घेरे में हैं. डीएम और एसपी के मुताबिक उन्होंने जेल में छापेमारी नहीं की, बल्कि वो सुरक्षा का जायजा लेने आए थे. लेकिन माना जा रहा है कि पत्रकार की हत्या का जेल कनेक्शन कंफर्म करने के लिए छापा मारा गया था.
इससे पहले भी शहाबुद्दीन को कई बार सीवान से शिफ्ट किया गया है. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी उनको भागलपुर शिफ्ट किया गया था. लेकिन राज्य में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद उन्हें वापस सीवान भेज दिया गया. हालांकि जिला प्रशासन नहीं चाहता था कि उनको सीवान जेल में रखा जाए.
गठबंधन सरकार में आरजेडी के सबसे बड़े पार्टी के रूप में उभरने का असर सीवान में साफ दिखने लगा. शहाबुद्दीन से मिलने वालो की संख्या में भारी इजाफा होने लगा. सीवान की आबोहवा में पिछले 10 वर्षों से जो बदलाव आया था, उसमें जहर घुलने लगा.
बिहार सरकार के मंत्री अब्दुल गफूर के सीवान जेल जा कर शहाबुद्दीन से मिलने और इसकी तस्वीर फेसबुक पर शेयर करने से अपराधियो के हौसले बुलंद हुए. लोग खौफ में जीने लगे. पत्रकार की हत्या से जंगलराज का आरोप झेल रही नीतीश सरकार के लिए शाहबुद्दीन को सीवान जेल से शिफ्ट करने के अलावा कोई चारा नहीं था.