पनडुब्बी दुर्घटना में 7 नौसैनिक घायल, 2 लापता
मुंबई। आईएनएस सिंधुरत्न में बुधवार सवेरे दुर्घटना होने के कारण भारतीय नौसेना के सात नाविक घायल हो गए जबकि दो लापता पाए गए हैं। दुर्घटना के समय पनडुब्बी पानी के भीतर थी। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को दी। इस बीच पिछले कुछ महीनों के दौरान घटी कई दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल डी. के. जोशी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक उनका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से मंजूर कर लिया गया है। मुंबई से 5० समुद्री मील (करीब 8० किलोमीटर) दूर अरब सागर में दुर्घटना के समय पनडुब्बी पर 94 नाविक सवार थे। दुर्घटना के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
घायल नाविकों को हेलीकॉप्टर की मदद से निकाल कर अचेतावस्था में उन्हें दक्षिण मुंबई स्थित नौसेना के अस्पताल आईएनएस अश्विनी में भर्ती कराया गया। पनडुब्बी में सवार दो नाविकों का अभी तक पता नहीं चल पाया है और उनकी तलाश जारी है। कमोडोर कमांडिंग पनडुब्बी (पश्चिमी) एस. आर. कपूर व अन्य नाविक राहत एवं बचाव अभियान में जुटे हैं। राहत अभियान अभी जारी है। कपूर पश्चिमी नौसेना कमान की सभी पनडुब्बियों के प्रभारी हैं। अधिकारियों को संदेह है कि लापता दो नौसैनिक पनडुब्बी के बंद कंपार्टमेंट में फंसे हो सकते हैं।
पश्चिमी नौसेना कमान की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘पनडुब्बी मुंबई तट से दूर नियमित प्रशिक्षण एवं कार्यशाला अभियान पर था।’ विज्ञप्ति में कहा गया है ‘‘बुधवार सवेरे नाविकों के रहने वाले कंपार्टमेंट संख्या तीन में धुआं दिखा। पनडुब्बी के नाविकों ने धुएं पर काबू पा लिया।’’ विज्ञप्ति में कहा गया है कि धुएं पर काबू पाने के दौरान सात नाविक उसकी चपेट में आ गए और खुद को ‘असहज महसूस’ करने लगे।
चिकित्सा दल के साथ एक हेलीकाप्टर भेजा गया और चालक दल के सात सदस्यों को नौसेना के अस्पताल आईएनएस अश्विनी में भर्ती कराया गया। विज्ञप्ति में कहा गया है ‘‘विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहा है कि चालक दल के सदस्य सुरक्षित हैं। पनडुब्बी की सहायता के लिए पश्चिमी नौसेना कमान मुख्यालय से नौसेना का जहाज भेजा गया है। दो नौसैनिकों का पता नहीं चल पाया है और उनका पता लगाने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं।’’ इसमें बताया गया है कि पनडुब्बी के अन्य सदस्य सुरक्षित हैं। विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि पनडुब्बी भी सुरक्षित है और उस पर किसी प्रकार का हथियार नहीं लदा हुआ है। यह शीघ्र ही बंदरगाह पर पहुंच जाएगा।
दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट से अनुमान लगाया जा रहा है कि या तो आग से या फिर पनडुब्बी में लगी बैटरियों से रिसे हाइड्रोजन गैस के कारण जहरीले धुएं की चपेट में आने से यह हादसा हुआ है। पिछले दिसंबर में मुंबई में मरम्मत के बाद रूस निर्मित पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरत्न नाविकों के अभ्यास प्रशिक्षण पर था। दुर्घटना के समय पनडुब्बी पानी के भीतर था और उसपर किसी प्रकार का हथियार नहीं लगाया गया था। भारतीय नौसेना ने दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं। पनडुब्बी के साथ हाल के दिनों में यह दसवीं दुर्घटना है। गौरतलब है कि पिछले साल 14 अगस्त को मुंबई बंदरगाह में पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक के डूब जाने से इसमें सवार 18 नाविकों की मौत हो गई थी। रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने इस महीने के शुरू में नौसेना में बढ़ी दुर्घटनाओं पर चिंता जताई थी। एंटनी ने कहा था कि एक दुर्घटना अत्यंत गंभीर थी। उन्होंने मानक संचालन प्रक्रिया और सबक सीखने की जरूरत पर जोर दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि वे नौसेना को ‘शतप्रतिशत संतुष्टि प्रमाण पत्र नहीं देंगे।’