जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आत्मघाती हमले के बाद पूरा देश आक्रोश में है. लोग पाकिस्तान और आतंकियों को सबक सिखाने की मांग कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सेना को आतंकवादियों से निपटने के लिए फ्री हैंड दे दिया है. अब भारत पाकिस्तान और वहां छिपे आतंकियों को कैसे नेस्तनाबूद कर सकता है. आइए जानते हैं भारत के विकल्प…
आर्टिलरी फायरिंग: रक्षा विशेषज्ञ जनरल बहल के अनुसार, भारत एलओसी से पाकिस्तान के सैन्य अड्डों को नष्ट कर सकता है. सीमा से सटे पहाड़ों पर तोपों के जरिये आर्टिलरी फायरिंग की जा सकती है. इसमें पहाड़ों के ऊपर तोपें लगाकर दुश्मन के ठिकानों पर गोले दागे जाते हैं. इसमें निशाना सटीक होता है. इस हमले के तरीके को पिस्टल फायरिंग भी कहते हैं.
भारत ने इसे कारगिल युद्ध के पहले झेलम घाटी में भी इस्तेमाल किया गया था. जो काफी कारगर साबित हुआ था. उस वक्त पाकिस्तान के सैन्य अड्डों पर सटीक निशाना लगाकर उन्हें तबाह कर दिया गया था. कारगिल वॉर में भी आर्टिलरी का इस्तेमाल किया गया था जिससे पाकिस्तान के पसीने छूट गए थे.
भारत के पास दूसरा विकल्प है वायु सेना की ताकत. सुखोई 30, जगुआर, मिग, मिराज जैसे लड़ाकू विमानों के जरिये भारत पाकिस्तान के सैन्य और आतंकी अड्डों को तबाह कर सकता है.
रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो भारत के पास स्लार रडार फैसिलिटी है. इसके जरिये भारत टारगेट को पिक कर सकता है और सीमा में रहते हुए ही लड़ाकू जहाजों के जरिये उन्हें तबाह कर सकता है.
पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत के पास सर्जिकल स्ट्राइक का भी विकल्प है. उरी हमले के बाद भारत ने जिस तरह पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया था उसी तरह भारत दोबारा सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है.
इसके अलावा भारत दुनिया भर में कूटनीतिक तरीके से पाकिस्तान को अलग-थलग कर सकता है. इस हमले के बाद करीब 50 देश भारत के साथ आए हैं. भारत पहले ही मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा पाकिस्तान से वापस ले चुका है और सेना को आतंक से निपटने की खुली छूट दे चुका है.