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पीएम मोदी ने किया ऐतिहासिक फैसला,

26-songdedicatedtonarendramodiनई दिल्ली। संसद की एक कमेटी ने भ्रष्टाचार पर प्रस्तावित कानून में ‘सेक्सुअल फेवर’ (शारीरिक संबंध की मांग) को भी भ्रष्टाचार मानने का प्रस्ताव दिया गया है। ऐसा करना रिश्वत ही माना जाएगा और इससे संबंधित व्यक्ति को दंडित किया जाएगा। भ्रष्टाचार विरोधी नए विधेयक पर अपनी रिपोर्ट में राज्यसभा की प्रवर समिति ने विधि आयोग की रिपोर्ट का समर्थन किया है। साथ ही प्रस्तावित कानून के एक प्रावधान में ‘ अनुचित लाभ ’ को शामिल करने की अनुशंसा की है ताकि कानूनी पारिश्रमिक से इतर यौन सुख समेत या किसी भी तरह से लाभ पहुंचाने को इसके दायरे में लाया जा सके।

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अनुचित लाभ भी अब होगा अपराध, मिलेगी सजा

घूसखोरी को भ्रष्टाचार निरोधक कानून-1988 के तहत कवर किया गया है। घूस लेने को परिभाषित करने का दायरा बढ़ाने और निजी क्षेत्र की घूसखोरी को कानून के तहत लाने के लिए सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक-2013 पेश करने का फैसला किया है। विधेयक में घूसखोरी संबंधी अपराधों को परिभाषित करने के लिए इस्तेमाल की गई शब्दावली ‘वित्तीय या दूसरा लाभ’ है। पिछले साल नवंबर में कुछ संशोधन लाए गए ताकि ‘वित्तीय या दूसरा लाभ’ के स्थान पर ‘ अनुचित लाभ ’ की शब्दावली को शामिल किया जा सके और इसके माध्यम से ‘कानूनी दायरे से बाहर किसी तरह के लाभ’ को दंडनीय बनाया जा सके।

वहीं, पिछले साल नवंबर में कुछ संशोधन लाए गए थे, ताकि ‘वित्तीय या दूसरा लाभ’ के स्थान पर ‘अनुचित लाभ’ की शब्दावली को शामिल किया जा सके और इसके माध्यम से ‘कानूनी दायरे से बाहर किसी तरह के लाभ’ को दंडनीय बनाया जा सके।

 

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