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मणिपुर: हिंसा का दौर जारी, 15 मकान जलाए, सेंट्रल फोर्स की 10 नई कंपनियां होंगी तैनात

नई दिल्ली. जहां इस समय मणिपुर (Manipur) में कुकी-मैतेई समुदाय के बीच हिंसा (Violence) रोकने के लिए अब केंद्र सरकार ने सेंट्रल फोर्स की 10 और कंपनियां तैनात करने का फैसला लिया है। वहीं CRPF की 5, BSF की 3, ITBP और SSB की एक-एक अतिरिक्त कंपनी तैनात करने का आदेश जारी किया गया। केंद्र सरकार ने यह फैसला बीते 3 अगस्त को भीड़ की तरफ से सेना के हथियार लूटने के बाद लिया है। इस दिन भीड़ ने मोइरंग और नारानसेना थाने पर हमला कर 685 हथियार और लगभग 20 हजार से ज्यादा कारतूस भी लुटे थे।

वहीं इन लूटे गए हथियारों में AK-47, इंसास राइफल्स, हैंड गन, मोर्टार, कार्बाइन, हैंडग्रेनेड और बम शामिल हैं। इस बाबत पुलिस कंट्रोल रूम ने बीते शनिवार को बताया कि राज्य में सिर्फ घाटी के पुलिस स्टेशन से नहीं, बल्कि पहाड़ी जिलों से भी लूटे गए थे। मणिपुर के इंफाल वेस्ट जिले में शनिवार शाम को फिर से हिंसा भड़क उठी और इस दौरान 15 मकान जला दिए गए। इस बाबत अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लांगोल गेम्स गांव में आक्रोशित भीड़ सड़कों पर उतर आई। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे और स्थिति को काबू में किया।

इधर अधिकारियों के मुताबिक, हिंसा के दौरान 45 वर्षीय एक व्यक्ति को गोली मारी गई, जो उसके पैर में लगी। उसे ‘रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस’ (आरआईएमएस) में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, रविवार को क्षेत्र में हालात में सुधार आए हैं, लेकिन सुबह के वक्त की पाबंदियां जारी हैं। उन्होंने बताया कि इंफाल ईस्ट जिले के चेकॉन इलाके में भी हिंसा की सूचना मिली है, जहां शनिवार को एक बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान को आग के हवाले कर दिया गया।

मामले पर अधिकारियों के मुताबिक, प्रतिष्ठान के पास के तीन मकानों में भी आग लगा दी गई। दलकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया। हिंसा की ये घटनाएं 27 विधानसभा क्षेत्रों की समन्वय समिति की ओर से आहूत 24 घंटे की आम हड़ताल के बीच सामने आई हैं। हड़ताल से शनिवार को इंफाल घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा था।मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

गौरतलब है कि, राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53% है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40% है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।

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