पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल परिवार की संपत्तियों का रिकाॅर्ड खंगालेगा विजिलेंस
शिमला। राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, सांसद अनुराग ठाकुर व अरुण धूमल की संपत्तियों की जांच विजिलेंस से करवाने की तैयारी में है। बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव लाया जाएगा। सभी मंत्रियों की सहमति के बाद ही सरकार विजिलेंस को जांच के आदेश देगी। धर्मशाला के वकील ने राज्य सरकार से धूमल परिवार की संपत्तियों की जांच का मुद्दा काफी समय पहले उठाया था। उन्होंने इसकी बाकायदा लिस्ट भी सरकार को सौंपी थी। राज्य सरकार ने इस मामले को विजिलेंस को भेजा था।विजिलेंस ने प्रारंभिक जांच के बाद लिस्ट सरकार को लौटाते हुए तर्क दिया था कि धूमल व उनके परिवार की संपत्तियां जो दर्शाई गई हैं वह राज्य से बाहर हैं। ऐसे में यह जांच सीबीआई को सौंपी जाए। दो महीनों से यह मामला सरकार के पास लंबित पड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री पहले भी बयान दे चुके हैं कि सीबीआई पर उन्हें विश्वास नहीं है। सीबीआई में गुजरात के कई अफसर हैं। इसके बाद अब सरकार विजिलेंस से इस की जांच करवाने की तैयारी में है।हिमाचल में खुलेंगी 5 आईटीआई, कई नए कोर्स किए जाएंगे शुरूहिमाचल भवन में एग्जिबिशन, मिलेंगे पाकिस्तानी हार और झुमकेहिमाचल प्रदेश में खुलेंगी 5 नई आईटीआई, कई नए कोर्स किए जाएंगे शुरूलिस्ट तैयारधूमल व उनके परिवार के सदस्यों की 31 संपत्तियों की लिस्ट तैयार है। इसमें उनके बड़े बेटे व सांसद अनुराग ठाकुर उनके छोटे बेटे अरुण धूमल की संपत्तियों का ब्यौरा भी जुटाया गया है। इस लिस्ट में 19 प्रॉपर्टी पंजाब व जालंधर में हैं। इसके अलावा हिमाचल के 9 अलग अलग स्थानों पर भी परिवार की संपत्तियां हैं। दिल्ली व ग्वालियर में भी प्रॉपर्टी का जिक्र किया गया है। संपत्तियों में पाइप एंड वाल्व फैक्ट्री, पेट्रोल पंप के अलावा स्टोन क्रशर हैं। इसी तरह की कुछ प्रॉपर्टी ग्वालियर,मुंबई, दिल्ली, कुल्लू, पालमपुर, धर्मशाला व कांगड़ा जिला में है। यह प्रॉपर्टी राजस्व विभाग से भी रजिस्टर्ड है।प्रॉपर्टी की जांच के लिए कैबिनेट की मंजूरी जरूरी नहीं है। सरकार सीधे विजिलेंस को आदेश देकर जांच करवा सकती है। सूत्र बताते हैं कि मामले में किसी तरह का विवाद न हो इसलिए कैबिनेट के सभी सदस्यों की राय ली जा रही है। 30 जुलाई को आयोजित कैबिनेट की मीटिंग में सप्लीमेंटरी एजेंडे में यह मामला लगा था। बैठक जल्द खत्म होने के चलते इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हो पाई।आईपीएल के एंटरटेनमेंट टैक्स पर होगा फैसलासे मनरोजंन टैक्स लगाने के बारे में विवाद हो चुका है।