‘प्रधानमंत्री की ‘मन की बात’ ने बढ़ाया रेडियो का महत्व’
रायपुर (एजेंसी)। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) के अध्यक्ष अशोक बजाज ने कहा कि सूचना क्रांति के इस युग में टेलीविजन और इंटरनेट जैसे संचार संसाधनों में वृद्धि के बावजूद रेडियो की महत्ता और प्रासंगिकता आज भी कायम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात कहने के लिए रेडियो को चुना है, इससे रेडियो का महत्व और भी बढ़ गया है।
उन्होंने यह बात छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ द्वारा ‘श्रोता दिवस’ के अवसर पर आयोजित अखिल भारतीय श्रोता सम्मेलन में कही। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ सहित हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र आदि कई राज्यों के रेडियो श्रोता संघों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बजाज ने कहा कि छत्तीसगढ़ के रेडियो श्रोता भी प्रधानमंत्री के मन की बात बड़े चाव से सुनते हैं। उन्होंने कहा कि रेडियो की महत्ता को खत्म करने के सारे कुचक्र फेल हो गए हैं। रेडियो अपने नए रूप में एक बार फिर लोकप्रियता हासिल करने लगा है।
बजाज ने कहा कि भारत में प्रथम रेडियो प्रसारण स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारियों द्वारा 2० अगस्त 1921 को हुआ था। इस दिन को यादगार बनाने के लिए छत्तीसगढ़ के रेडियो श्रोताओं द्वारा विगत दस वर्षों से लगातार हर साल ‘श्रोता दिवस’ और श्रोता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
सम्मेलन को विशेष अतिथि की आसंदी से विविध भारती (मुंबई) के वरिष्ठ उद्घोषक अशोक सोनावाणे ने भी संबोधित किया। उनके अलावा आकाशवाणी रायपुर के उद्घोषक दीपक हटवार, हिंदी और छत्तीसगढ़ी के लोकप्रिय कवि रामेश्वर वैष्णव, वरिष्ठ रंगकर्मी चंद्रशेखर व्यास और आकाशवाणी अम्बिकापुर के उद्घोषक शोभनाथ साहू सहित अनेक वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
सम्मेलन में छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष परसराम साहू, सचिव विनोद वंडलकर के अलावा रतन जैन, मोहन देवांगन, कमल लखानी, डॉ. प्रदीप जैन, वीणा वंडलकर, कोकिला जैन, रवीना लखानी, वाराणसी (उत्तरप्रदेश) के बबलू आम्रवंशी, मुस्ताक सुलेमानी, आजान कुमार सिंग, सरीफुद्दीन अंसारी, रोहतक (हरियाणा) के महेंद्र शाह, सागर (मध्यप्रदेश) के चंद्रेश गौहर और कटनी (मध्यप्रदेश) के अनिल ताम्रकार भी उपस्थित थे।