दिल्लीराज्य

बाबा राम रहीम की वजह से दिन भर टेंशन में रहे अफसर

सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की सजा के सोमवार को एलान के पहले यहां के सभी आश्रमों पर एहतियातन फोर्स तैनात रहा। सभी थाना क्षेत्रों के संदिग्ध लोगों पर खुफिया विभाग ने भी नजर बनाए रखी। बस अड्डा, मेट्रो स्टेशन और बॉर्डरों पर भी दिनभर चेकिंग की गई। देर शाम तक जिले में किसी भी तरह की घटना सामने नहीं आने पर आला अफसरों ने राहत की सांस ली।

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बाबा राम रहीम की वजह से दिन भर टेंशन में रहे अफसर

सुबह तकरीबन 10 बजे एसएसपी एचएन सिंह पूरे दल बल के साथ डेरा के राजनगर एक्सटेंशन स्थित आश्रम पर पहुंचे। उन्होंने एसओ को आश्रम के अंदर और बाहर पुलिसकर्मी तैनात करने के निर्देश दिए। दोपहर में सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप दुबे भी मौके पर पहुुंचे और उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उधर, मोदीनगर के सिखैड़ा रोड स्थित आश्रम और मसूरी के मटियाला स्थित आश्रम पर भी सुबह से शाम तक फोर्स तैनात रही। एसएसपी एचएन सिंह ने बताया कि एहतियातन सभी आश्रमों पर फोर्स तैनात की गई थी। हालांकि खुफिया विभाग ने सूचना दी थी कि किसी प्रकार के हंगामे के आसार नहीं हैं। देर शाम तक आश्रम ही नहीं गाजियाबाद रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, लोनी डिपो, लोनी स्टेशन, वैशाली-कौशांबी मेट्रो स्टेशन, सभी दिल्ली-यूपी बार्डर पर पुलिस बल तैनात रहा। इसके अलावा सोशल नेटवर्किंग साइट्स और व्हॉट्स एप ग्रुपों पर भी पुलिस की पैनी नजर रही।

खुद पुलिस को कॉल करते रहे डेरा अनुयायी
गिरफ्तारी के डर से डेरा सच्चा सौदा से जुड़े लोग खुद ही पुलिस को कॉल कर जानकारी देते रहे कि वे किसी भी हिंसा में शामिल नहीं हैं। थाना सिहानी गेट क्षेत्र निवासी एक युवक ने स्थानीय चौकी इंचार्ज को कॉल किया और बताया कि उनका या उनके किसी साथी का हिंसा से कोई संबंध नहीं है। वह अहिंसा में विश्वास रखते हैं। उधर, पंजाब-हरियाणा में हुई हिंसा के बाद से डेरा से जुड़े कई लोगों का मोबाइल लगातार बंद है।

डेरा आश्रम के सेवादार बोले, हिंसा है गलत
गाजियाबाद। सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा दिए जाने को उनके सेवादारों ने ही सही करार दिया। राजनगर एक्सटेंशन का रखरखाव करने वाले दो सेवादारों का कहना है कि देश का कानून सबसे ऊपर है। अगर कोर्ट कोई निर्णय लेता है तो सही होगा। उन्होंने हिंसा कर रहे लोगों को भी गलत बताया।
अलीगढ़ निवासी भूरा और बुलंदशहर निवासी ओमपाल पिछले करीब पांच साल से डेरा सच्चा सौदा सिरसा के अनुयायी हैं। दोनों अपने परिवारों को छोड़कर राजनगर एक्सटेंशन स्थित डेरे के रखरखाव की जिम्मेदारी संभालते हैं। ओमपाल ने बताया कि ‘पिता जी (बाबा राम रहीम) ने हमेशा अहिंसा करना सिखाया है। ऐसे में जो लोग हिंसा कर रहे हैं, वह उनके शिष्य नहीं हो सकते हैं।’ उधर, भूरा का कहना है कि कोर्ट ने जो भी निर्णय दिया है वह सही होगा। बाबा ने ही उन्हें देश और कानून के प्रति सच्ची आस्था रखना सिखाया है। ऐसे में वे कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हैं। पंजाब और हरियाणा में हुई हिंसा का वे विरोध करते हैं।
वहीं, ओमपाल ने बताया कि यहां हर रविवार को नाम चर्चा कार्यक्रम होता है। इसमें 150-200 अनुयायी यहां पहुंचते हैं मगर रविवार को कोई कार्यक्रम नहीं हुआ। रोजाना अनुयायी यहां पहुंचते हैं। बीते चार दिन से एक भी अनुयायी यहां नहीं पहुंचा है।

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राम रहीम की सजा पर हुआ फैसला, सुरक्षा में रहा रेलवे स्टेशन
गाजियाबाद। गुरमीत राम रहीम की सजा पर फैसले के मद्देनजर सोमवार को रेलवे स्टेशन पर कड़ी चौकसी रही। प्लेटफार्म और फुटओवर ब्रिज के साथ-साथ यार्ड में भी सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। जीआरपी और आरपीएफ के अधिकारियों ने भी प्लेटफार्म से लेकर सर्कुलेटिंग एरिया में चेकिंग कराई।
राम-रहीम की सजा पर फैसला भले ही दोपहर को आया हो, लेकिन एक दिन पहले ही शहर भर में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। राम-रहीम के समर्थकों के हंगामे की आशंका के चलते रेलवे स्टेशन पर सुबह 6 बजे से ही जीआरपी के कांस्टेबल प्लेटफार्म पर तैनात रहे। जीआरपी सीओ रणधीर सिंह ने बताया कि कांस्टेबलों को प्लेटफार्म पर गश्त करने और संदिग्ध लोगों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए थे। दोपहर को वह खुद स्टेशन पर पहुंचे। जीआरपी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार थी। आरपीएफ इंस्पेक्टर एम. असलम ने बताया कि आनंद विहार में हुई कोच जलाने की घटना के बाद यार्ड में सुरक्षा कड़ी की गई थी। यार्ड में गाड़ियां और इंजन खड़े रहते हैं। ऐसे में स्टेशन के साथ-साथ दोनों ओर यार्ड में सुरक्षा बढ़ाई गई थी।

समर्थकों के आने की सूचना पर बस अड्डे पहुंचे अधिकारी
राम-रहीम के समर्थकों के बसों से आने की अफवाह पर सीओ और सिटी मजिस्ट्रेट करीब तीन बजे पुराना रोडवेज बस अड्डा पहुंचे। उन्होंने बसों की चेकिंग कराई। हालांकि कोई समर्थक नहीं मिला। इसके बाद सीओ रूपेश सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट करीब दो घंटे बस अड्डे पर ही मौजूद रहे। जबकि पुलिस बल देर शाम तक बस अड्डे पर मुस्तैद रहा।

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