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म्यांमार: 48 घंटों से जारी हिंसा, जान बचाने के लिए घर छोड़कर भाग रहे रोहिंग्या मुसलमान

म्यांमार के रखाइन प्रांत में बीते दो दिनों से जारी हिंसा की वजह से हजारों लोग अपना घर छोड़कर भाग रहे हैं। म्यांमार में अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमान जान बचाकर बांग्लादेश सीमा की ओर भाग रहे हैं। बांग्लादेश के सीमा सुरक्षा बल उन्हें वापस म्यांमार की ओर खदेड़ रहे हैं। शुक्रवार को रोहिंग्या लड़ाकों ने तीस पुलिस थानों पर हमले किए जिसके बाद हिंसा शुरू हो गई। शनिवार को भी हिंसा जारी रही। पोप फ्रांसिस ने अपील की है कि रोहिंग्या मुसलमानों का शोषण बंद होना चाहिए।

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म्यांमार: 48 घंटों से जारी हिंसा, जान बचाने के लिए घर छोड़कर भाग रहे रोहिंग्या मुसलमानम्यांमार सरकार पर नस्लीय हिंसा का आरोप
बौद्ध बहुल म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। यहां कई सालों से रोहिंग्या और बौद्धों के बीच संघर्ष चल रहा है। इससे पहले भी दसियों हजार रोहिंग्या जान बचाकर बांग्लादेश भाग चुके हैं। रोहिंग्या लोग म्यांमार सरकार पर नस्लीय हिंसा का आरोप लगाते रहे हैं।

म्यांमार के सबसे गरीब प्रांत रखाइन में दस लाख से अधिक रोहिंग्या रहते हैं। कई तरह के प्रतिबंधों की वजह से रोहिंग्या समुदाय के बीच कट्टरपंथ की ओर रुझान बढ़ रहा है।

म्यांमार वापस न भेजे जाने की गुहार लगा रहे थे लोग

बांग्लादेशी पुलिस के मुताबिक, शनिवार को उन्होंने 70 रोहिंग्या लोगों को जबरदस्ती म्यांमार वापस भेजा है। ये लोग बांग्लादेश में घुस आए थे और राहत कैंप जाने की कोशिश कर रहे थे। एक पुलिसकर्मी के मुताबिक ये लोग वापस म्यांमार न भेजे जाने की गुहार लगा रहे थे।

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, हाल के दिनों में करीब तीन हजार रोहिंग्या बांग्लादेश पहुंचने में कामयाब रहे हैं जहां उन्होंने कैंपों और गांवों में शरण ली है।

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डर और दहशत की कहानियां सुना रहे हैं लोग
राहत कैंप में मौजूद एएफपी के संवाददाता के मुताबिक यहां पहुंच रहे लोग डर और दहशत की कहानियां सुना रहे हैं। एक सत्तर साल के बुजुर्ग ने बताया कि उनके दोनों बेटों की हथियारबंद बौद्ध समूहों ने हत्या कर दी और उन्हें सीमा की ओर खदेड़ दिया।

मोहम्मद जफर बताते हैं, “वो लाठियों और डंडों के साथ आए और हमें सीमा की ओर खदेड़ा।” 61 साल के आमिर हुसैन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, “हमारी जान बचा लीजिए, हम यहीं रहना चाहते हैं नहीं तो वो हमें मार देंगे।”

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