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बिहार टाॅपर घोटाला : एडमिशन होता था 100 विद्यार्थियों का परीक्षा होती थी 400 विद्यार्थियोें की

समस्तीपुर: बिहार स्कूल बोर्ड की परीक्षाओं में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद अब यह बात सामने आई है कि आरोपी गणेश ने जिस विद्यालय में एडमिशन लेकर टाॅप किया था वहां लगभग 40 वर्ष से फर्जीवाड़ा चल रहा है। जाॅंच के दौरान यह जानकारी सामने आई है कि स्कूल में प्रतिवर्ष मैट्रिक परीक्षा में लगभग 80 से 100 विद्यार्थियों को एडमिशन मिलता था। दरअसल परीक्षा परिणाम लगभग 400 विद्यार्थियों का आता था।

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बिहार टाॅपर घोटाला : एडमिशन होता था 100 विद्यार्थियों का परीक्षा होती थी 400 विद्यार्थियोें कीयहां पर फर्जी तरह से अन्य राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, दिल्ली, झारखंड के विद्यार्थियों का एडमिशन करवाया जाता था। उन्हें परीक्षा दिलवाई जाती थी। स्कूल का संचालन रामकुमार चौधरी और उनकी पत्नी देवकुमारी द्वारा किया जाता था। पटना, झारखंड, दिल्ली व पश्चिम बंगाल के लगभग 300 विद्यार्थियों को फर्जी तरह से एडमिशन दिलवाए जाते थे।

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गणेश का कहना था कि गिरिडीह से 1990 में मैट्रिक की परीक्षा उन्होंने उत्तीर्ण कर ली। कोडरमा से 1992 में एंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण की। फर्जीवाड़ा इस कदर हुआ कि गणेश ने समस्तीपुर के लक्ष्मीनिया मेें संजय गांधी हाई स्कूल में कक्षा 9 वीं में एडमिशन लिया था। वह दो वर्ष में एक बार भी कक्षा मेें नहीं पहुंचा। शिक्षकों का कहना था कि बाहरी विद्यार्थियों को प्रवेश मिलता था। मगर उनमेें अधिकांश की आयु करीब 40 वर्ष की थी। स्कूल संचालक के ही साथ फर्जीवाड़े में पुत्र गौतम भी शामिल था। अब इस मामले में जांच कार्रवाई की जा रही है।

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