बैंक हड़ताल : परेशान हुए लोग, करोड़ों का कारोबार प्रभावित, भटकते रहे छात्र
उधर, बैंक कर्मचारियों ने अब राष्ट्रीय यूनियन के आह्वान पर 15 सितंबर को नई दिल्ली स्थित जंतर मंतर में धरना देने का फैसला लिया है। इसी दौरान अक्तूबर-नवंबर महीने में दो दिन की हड़ताल पर जाने का फैसला भी लिया जाएगा।
हिमाचल में अखिल भारतीय अधिकारी संघ और अखिल भारतीय कर्मचारी संघ की अगुवाई में प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों सहित विभिन्न स्थानों में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए गए। अधिकारी संघ के संयोजक गोपाल शर्मा और कर्मचारी संघ के महासचिव प्रेम वर्मा ने बताया कि राजधानी शिमला में उपायुक्त दफ्तर और यूको बैंक के हिमलैंड कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के कई फैसलों का विरोध किया।
बैंक कर्मचारियों की यह हैं मुख्य मांगे
– जन विरोधी बैंकिंग सुधारों की गतिविधियों पर पूर्ण रोक लगाई जाए।
– पब्लिक सेक्टर बैंकों का निजीकरण करना बंद किया जाए।
– बैंकों के विलय की योजनाओं पर पूर्ण रोक लगाई जाए।
– बडे़ कारपोरेट डिफाल्टरों द्वारा बैंकों को खत्म करने की साजिश पर तुरंत रोक लगाई जाए।
– जानबूझकर कर्ज ना चुकाने वाले डिफाल्टरों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई अमल में लाई जाए।
– कारपोरेट लोन की वसूली सुनिश्चित की जाए ना कि उन्हें माफ किया जाए।
– कारपोरेट एनपीए को कम करने के लिए बैंक ग्राहकों पर सेवा शुल्क का बोझ न डाला जाए।
– बैंक बोर्ड ब्यूरो को समाप्त किया जाए।
– जीएसटी के नाम पर ग्राहक सेवा शुल्क न बढ़ाए जाए।
– पेंशन संबंधी मामले और पारिवारिक पेंशन का रिवीजन किया जाए।
– सभी कैडर में आवश्यक भर्ती किया जाए।
– सरकार के निर्देशानुसार बैंकों में भी आश्रित नियुक्ति योजना लागू की जाए।