आतंकवादियों और उनका पनाहगाह पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक को एक साल पूरा होने जा रहा है. इस मौके पर जहां पाकिस्तान अपनी नापाक करतूतों को अंजाम देने की साजिशें रच रहा है, वहीं भारत अपनी तैयारी और मजबूत करने में जुटा है. वहीं भारत की जनता चाहती है कि भारतीय सेना हर उस आतंकी को जमीन के नीचे भेज दे जिसने भी आजतक हिंदुस्तान को ख़ून के आंसू रुलाए हैं. फिर चाहे वो 1993 में हुआ मुंबई अटैक हो या फिर पिछले साल हुआ उरी अटैक. लेकिन अब वक़्त आ गया है, इनके गुनाहों का हिसाब करने का.
ऐसे में हम बता रहे हैं उन दहशतगर्दों के नाम जो भारत के दुश्मन पाकिस्तान के साए में लगातार फल-फूल रहे हैं. सबूत बताते हैं कि ये सभी के सभी अब भी पाकिस्तान में ही छिपे बैठे हैं. ऐसे में जरूरत है और सर्जिकल स्ट्राइक, जिससे की एक ही झटके में भारत के दुश्मनों का सफाया हो जाए. आइए जानते हैं अब किनको PAK में घुस कर मारने की जरूरत है?
पिछले साल एक सर्जिकल स्ट्राइक और 38 दहशतगर्दों समेत चालीस से ज़्यादा दुश्मन हलाक. उरी हमले के बाद से ही हिंदुस्तान के दिल में लगा जो ज़ख्म लगातार रिस रहा था पूरे दस रोज़ बाद जाकर उस पर ठंडक पड़ी थी. हालांकि इसके बाद इसने हुकूमत से आवाम की उम्मीदें कहीं और ज़्यादा बढ़ा दी हैं. उम्मीद ये कि अब बाकी के दुश्मन भी नहीं बचेंगे.
दुश्मन नंबर 1 दाऊद
दाऊद का सबसे हालिया पता कराची के ही क्लिफ्टन इलाक़े में मौजूद डी-13 नाम का बंगला है. इकबाल कासकर के इकबालिया बयान के बाद कि दाऊद पाकिस्तान में ही है, इस बात की संभावना बढ़ रही है कि भारत दाऊद को पकड़ने या मारने के लिए कोई बड़े प्लान को अंजाम दे सकता है. ठाणे क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में दाऊद के भाई इकबाल कास्कर ने दाऊद के पाकिस्तान में होने की बात पुलिस के सामने कबूल की है. ठाणे पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बताया कि इकबाल ने उन्हें बताया है कि भारत का मोस्ट वांटेड दाऊद पाकिस्तान के कराची में रहता है. उसके वहां चार बंगले हैं. 1993 का मुंबई धमाका, यानी पहला ऐसा आतंकवादी हमला, जिसने पाकिस्तान को सीधे कटघरे में खड़ा कर दिया था. उसके बाद से तो पिछले 23 सालों में ये सिलसिला लगातार जारी है. ना जाने हिंदुस्तान के कितने शहर जख्मी और छलनी हो गए. पर पाकिस्तान के रास्ते हिंदुस्तान आने वाला आतंक बंद नहीं हुआ. दरअसल पाकिस्तान को आतंक का अड्डा बनाने वालों में वहां की सरकार से ज्यादा फौज और आईएसआई का हाथ रहा है. दाऊद 1993 के मुंबई धमाके के बाद से ही पाकिस्तान फौज और आईएसआई का का चहेता बना हुआ है.
दुश्मन नंबर 2 हाफ़िज़ सईद
ठीक इसी तरह हाफ़िज़ सईद भी पाकिस्तान के ही मुरीद के इलाक़े में रह कर अलग-अलग नामों से दहशत की दुकान चलाता है. आपको बता दें कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही डर से हाफिज सईद ने अपने अड्डे बदल दिए हैं. हाफिज सईद अपनी जान बचाने के लिए घनी बस्तियों में लोगों के बीच जा छुपा है. भारत के सर्जिकल स्ट्राइक और इंटरनेशनल प्रेशर का ही असर है कि पाकिस्तान अब खुलकर हाफ़िज़ सईद का साथ नहीं दे पा रहा है. सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अधिकारियों ने हाफिज सईद की नजरबंदी एक महीने के लिए बढ़ा दी है. पाक का कहना है कि उसकी गतिविधियां देश में शांति के लिए खतरा है. बता दें कि जमात-उद-दावा का प्रमुख सईद इस साल के 31 जनवरी से नजरबंद है. हाफिज सईद के साथ पंजाब गृह विभाग ने उसके चार साथी अब्दुल्ला उबेद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी काशिफ हुसैन की नजरबंदी 25 सितम्बर के प्रभाव से 30 दिन के लिए बढ़ा दी है. गौरतलब है कि हाल ही में खबरें आई थी कि मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद का संगठन जमात-उद-दावा पाकिस्तान में स्वतंत्र है और पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की योजना बना रहा है. ऐसे में भारत के लोगों को इंतजार है कि भारतीय सेना सर्जिकल स्ट्राइक कर मुंबई हमलों का बदला जरूर लेगी.
दुश्मन नंबर 3 मसूद अज़हर
बहावलपुर में मदरसों के नाम पर हिंदुस्तान का दुश्मन नंबर तीन यानी मसूद अज़हर पाकिस्तान से दहशतगर्दी की दुकान चला रहा है. भारतीय फौज के जांबाज़ कमांडो ने बस ज़रा सा ट्रेलर ही दिखाया था कि पाकिस्तान में बैठे भारत के दुश्मनों के पसीने छूट गए. मसूद अजहर भी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद नए ठिकाने पर रहने लगा है. सूत्रों के मुताबिक अब हाफ़िज़ सईद और मसूद दोनों अपने-अपने मदरसों और संगठन के हेडक्वार्टर से दूर कुछ चुनिंदा गुर्गों के साथ घनी आबादी के बीच रहने चले गए हैं. इसके पीछे उनकी सोच ये है कि घनी आबादी के बीच रहना ज्यादा महफूज है. पठानकोट हमले के मास्टर माइंड और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने की कोशिशों पर चीन के लगातार लगते वीटो से सरकार इस मसले पर नए तरीके तलाश रही है. भारत के पास पठानकोट हमले का बदला लेने और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन पर लगाम लगाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक का ऑप्शन जरूर मौजूद है.
ओसामा की तरह हो इनका खात्मा
आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी नेवी सील ने उसके घर में घुस कर मारा था. वो दिन दूर नहीं जब हिंदुस्तान भी ऐसा ही ऑपरेशन अंजाम देगा और निशाने पर कोई और नहीं बल्कि होंगे हिंदुस्तान के दुश्मन नंबर एक, दो और तीन यानी दाऊद इब्राहिम, हाफ़िज़ सईद और मसूद अज़हर. वैसे तो ये तीनों बहुत पहले से ही हिंदुस्तानी एजेंसियों की रडार पर हैं. लेकिन मौजूदा सरकार ने जिस तरह पाकिस्तानी करतूतों की ईंट का जवाब पत्थरों से दिया है, उससे लोगों को भी ये उम्मीद बंधने लगी है कि आज नहीं तो कल, हिंदुस्तान के इन तीनों दुश्मनों का हश्र भी वही होगा, जो कभी ओसामा बिन लादेन का हुआ था.