सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में नौ मुद्दों पर हुई चर्चा
इस बात पर भी चर्चा हुई कि राज्यों में कहीं किसी दल की सरकार है तो कोई विपक्ष में हैं। उनके बीच मतभेद स्वाभाविक हैं लेकिन भाजपा विरोधी शक्तियों के तौर उन्हें टकराव भुलाकर राष्ट्र्रीय मुद्दों पर एकता दिखानी होगी। बैठक में बतौर अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने शुरुआती भाषण में नौ मुद्दे उठाए जिन पर बाद में अन्य दलों के नेताओं ने भी अपने विचार रखे। सोनिया ने कहा कि सभी दलों से कहा कि हमें राष्ट्रीय मुद्दों पर एक सोच बनानी होगी। बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि एक विचारधारा की वजह से देश में दंगे फसाद हो रहे हैं।
सात दलों का ग्रुप तय करेगा भविष्य की रणनीति और कार्यक्रम
देश में लोगों के बीच नफरत फैल रही है। वर्तमान सरकार की जो विचारधारा है, उसे लेकर लोकतंत्र को खतरा है। धर्म और जाति को लेकर दंगे हो रहे हैं और माहौल खराब किया जा रहा है। बैठक में संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता पर भी चर्चा हुई। सोनिया ने कहा कि संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को खतरा है क्योंकि सरकार सीधा दखल दे रही है। बैठक में आधार कार्ड को लेकर भी कई सदस्यों ने अपनी बात रखी। सोनिया ने कहा कि यूपीए सरकार आधार को अच्छी नीयत से लेकर आई थी लेकिन वर्तमान सरकार इसे टूल की तरह इस्तेमाल कर रही है। आधार के नाम पर लोगों की निजता के खिलाफ इसके इस्तेमाल का काम शुरू किया गया है। सरकार उस आधार की निजता में ज्यादा रुचि रख रही है।
सोनिया ने कहा कि देश की आर्थिक सेहत ठीक नही है। सरकार के नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों को भी कई नेताओं ने आर्थिक मंदी का कारण बताया। बैठक में बढ़ी रह बेरोजगारी पर गंभीर चिंता जताई गई। सोनिया ने कहा कि सरकार इस दिशा में कुछ नहीं कर रही है। युवाओं से सरकार ने जो वादा किया था, उस पर अब चुप्पी साध रखी है। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार पुराने वादे भुलाकर नए-नए वादे कर रही है।
बैठक में खानपान और घरेलू वस्तुओं के दामों में आई तेजी, लगातार बढ़ रहे पेट्रोल, डीजल और घरेलू गैस की कीमतों पर भी चर्चा हुई। वक्ताओं ने कहा कि पूरे देश में ये बड़ी समस्या है जबकि सरकार कीमतें कम करने में असफल साबित हुई है और लोग तकलीफ में हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा सभी पार्टियां राज्यों में अपनी राजनीतिक जमीन के लिए टकराती हैं लेकिन हम आम सहमति से जुड़कर राष्ट्र्रीय मुद्दों पर आगे बढ़ेंगे। बैठक में राजनीतिक दलों ने राजस्थान उपचुनाव में जीत पर सोनिया और राहुल को को बधाई दी।
बसपा को कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा बैठक मे