भारत और पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में भयंकर भूकंप आने की चेतावनी वैज्ञानिकों ने दी है। वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में कहा है कि भूकंप की तीब्रता रियेक्टर स्केल पर 8.2 से 9 तक हो सकती है और इसकी जद में 14 करोड़ लोग होंगे। हालाकि वैज्ञानिकों ने भूकंप कब आएगा, इस बाबत किसी तरह की भविष्यवाणी नहीं की है।
वैज्ञानिकों ने इसके लिए जमीनी स्तर पर और सैटेलाइट जीपीएस के जरिए भारत के उत्तरी-पूर्वी हिस्से के अलावा भारत-बांग्लादेश की सीमा के इलाकों से लिए गए 2003 से 2013 तक के आंकड़ों का अध्ययन किया और पाया कि बांग्लादेश में भूकंप का खतरा सर्वाधिक है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पूर्वी भारत का एक बड़ा हिस्सा खतरनाक भूकंप की आशंकाओं से घिरा हुआ है। रिपोर्ट में जिस इलाके का जिक्र किया गया है, वो तकरीबन 100 किलोमीटर तक फैला हुआ है। इस भूकंप का सेंटर बांग्लादेश और भारत की सीमा के नजदीक हो सकता है। हालाकि भूंकप कब आएगा इस बारे में शोध दल की अगुआई कर रहे कोलंबिया यूनिवर्सिटी के भू-वैज्ञानिक माइकल स्टेकलर ने बताया कि यह हम नहीं बता सकते कि भूकंप कब आएगा।
लेकिन हमारे डाटा यह दर्शाते हैं कि भूकंप आएगा, यह कल भी आ सकता है और पांच सौ साल भी लग सकते हैं। शोेध दल में शामिल ढाका यूनिवर्सिटी के भूगर्भशास्त्री ने बताया कि वास्तव में भारतीय प्लेटें एक साल में 13-17 मिली मीटर तक खिसक रही हैं। इसकी वजह से वहां कभी ऊर्जा संचित हो गई है, जो सौ सालों से रिलीज नहीं हुई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी दक्षिण एशिया के कई देशों से गुजरती है। अधिक जनसंख्या होने की वजह से नदियों का जल स्तर कम हो गया है, जिससे लगभग बालू और कीचड़ भूकंप की रेखा से उपर आ चुके हैं। जिससे खतरा ज्यादा हो गया है।