नई दिल्ली| भारत ने कहा है कि वह तब तक बलूचिस्तान का मुद्दा उठाना जारी रखेगा जब तक बलूच लोगों के बुनियादी अधिकारों का हनन और उनका दमन होता रहेगा। इसी प्रकार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपनी अमरीकी यात्रा से पहले अलगाववादी नेताओं से बातचीत करने का फैसला किया है और नवाज कश्मीर के मुद्दे को फिर से यूएन में उठाने की कोशिश करेंगे।
जानकारी के अनुसार भारत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने एक दिन पूर्व ही पहली बार संयुक्त राष्ट्र में बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया और पाकिस्तान पर उसके कब्जे वाले कश्मीर में भी मानवाधिकारों का व्यापक हनन करने का आरोप लगाया। यह मुद्दा अगले महीने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भी उठाए जाने की संभावना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज करेंगी और उनका 26 सितंबर को संबोधन देने का कार्यक्रम है।
इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा भारत बलूचिस्तान का मुद्दा उठाना जारी रखेगा। बलूचिस्तान में जब तक दमन जारी रहेगा, जब तक नागरिकों के बुनियादी अधिकारों का हनन होता रहेगा, भारत इस मुद्दे को उठाता रहेगा। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि अजीत कुमार ने कहा है कि शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक एवं बहुलतावादी समाज के रूप में लोगों के कल्याण के लिए भारत की गहरी प्रतिबद्धता स्थापित हो चुकी है जबकि पाकिस्तान एकाधिकारपूर्ण, लोकतांत्रिक कायदों की कमी और बलूचिस्तान समेत देशभर में मानवाधिकारों के व्यापक उल्लंघन करने वाला साबित हुआ है।
नवाज मिलेंगे अलगाववादी नेताओं से
भारत के इस रुख पर पलटवार करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अलगाववादी नेताओं से मिलेंगे और कश्मीर से संबंधित अपनी पीड़ा में इन हुर्रियत नेताओं की मांगों को भी अपने भाषण में शामिल करेंगे। सूत्रों के अनुसार यह भी कहा जा रहा है नवाज यूएन में दिए जाने वाले अपने भाषण को अलगाववादियों के साथ मिलकर तैयार करेंगे। नवाज शरीफ न्यूयॉर्क जाने से पहले मुजफ्फराबाद आकर अपने भाषण के लिए कश्मीरी नेताओं विचार-विमर्श करेंगे। पाकिस्तानी मीडिया ने भी इस खबर की पुष्टि की है।