भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में झारखंड बंद, 5000 से ज्यादा जवान तैनात
रांची : झारखण्ड में भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल के खिलाफ विपक्ष ने आज झारखंड बंद का ऐलान किया है। इसके समर्थन में पूर्व संध्या पर बुधवार को विपक्ष ने राज्यभर में मशाल जुलूस निकाला और लोगों से बंद में साथ देने की अपील की। वहीं बंद को लेकर प्रशासन ने भी कमर कस ली है। राज्य के विभिन्न हिस्सों से विपक्षी दलों के कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। गृह सचिव व डीजीपी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बंद के दौरान हिंसा या तोड़फोड़ हुई तो मामले का स्पीडी ट्रायल कराया जाएगा। झारखंड बंद की पूर्व संध्या पर झामुमो, कांग्रेस, झाविमो और अन्य विपक्षी दलों ने पूरे राज्य में मशाल जुलूस निकाला। रांची के अलबर्ट एक्का चौक पर विपक्षी दलों के कार्यकर्ता जुटे। उन्होंने सरकार विरोधी नारे लगाए। उन्होंने दावा किया कि बंद में जनता का भी साथ मिल रहा है। बंद पूरी तरह सफल रहेगा।
गृह सचिव एसकेजी रहाटे और डीजीपी डीके पांडेय ने बुधवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रशासन की तैयारी की जानकारी दी। रहाटे ने कहा कि पांच हजार से अधिक पुलिस बलों और दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। रैफ की दो तथा रैप की छह कंपनियों के साथ 3100 होमगार्ड जवान लगाए गए हैं। सभी जिलों में टीयर गैस के साथ राइट कंट्रोल यूनिट लगाई गई है है। डीजीपी ने कहा कि बंद के दौरान नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी, ड्रोन कैमरों समेत इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्होंने कहा राजनीतिक दल शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें। हर्वे-हथियार, आग्नेयास्त्र के साथ प्रदर्शन करने वालों पर कार्रवाई होगी। बंद के दौरान हिंसा, तोड़फोड़ के मामले में पुलिस केस दर्ज कर स्पीडी ट्रायल कराएगी। एक माह में हिंसा करने वालों को सजा दिलाने की कोशिश की जाएगी। गृह सचिव एसकेजी रहाटे ने कहा कि तीन नवंबर 2003 को झारखंड हाईकोर्ट ने खास पार्टी के लिए आदेश जारी कर कहा था कि बंद का आह्वान और इसे जबरदस्ती लागू करना असंवैधानिक है। यह आदेश आज भी जारी है। बंद में सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान हुआ, राजनीतिक दलों से ही क्षतिपूर्ति करायी जाएगी।
भाजपा ने विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि भूमि अधिग्रहण बिल पर जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है। अपना वजूद बचाने के लिए विपक्ष ने झूठे मुद्दे बनाकर बंद बुलाया है। बंद असंवैधानिक व अनैतिक है। झारखंड के गृह सचिव एसकेजी रहाटे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि भीड़ द्वारा हिंसा या अपराध होता है तो यह राज्य की जिम्मेदारी होगी। ऐसे में राज्य प्रशासन ने हिंसा से निपटने की पूरी तैयारी की है। भू-राजस्व मंत्री अमर बाउरी ने बताया कि भूमि अधिग्रहण बिल पर विपक्ष अनर्गल आरोप लगा रहा है। अगर बिल में किसी प्रकार की गड़बड़ी है तो विपक्ष 2019 के चुनाव में बहुमत साबित करें और मुख्यमंत्री व मंत्री को जेल में डाल दें। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल आदिवासी-मूलवासियों की भावनाओं के खिलाफ है। जनभावनाओं को देखते हुए बंद की अपील की गई है। सभी विपक्षी दल एकजुट हैं।