जिले के विण विकासखंड के स्याला गांव में मनरेगा घोटाले से जुड़े ग्राम विकास अधिकारी, जूनियर इंजीनियर और पूर्व प्रधान को धांधली के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. सभी आरोपियो पर आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471, 506, 406, 409,120 के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है.
इस मामले मे सहकारी बैंक के सचिव को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. जांच अधिकारियों का कहना है कि घोटाले मे लिप्त कई अन्य लोगों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
गौरतलब है कि 2015 में सामने आए इस मामले में स्याला गांव की 82 योजनाओं में 93 लाख रुपये की धांधली पायी गयी थी. ये सभी योजनाएं साल 2008 से लेकर 2014 तक की है. इस पूरे मामले को लेकर जिलाधिकारी द्वारा एसडीएम अनुराग आर्य के नेतृत्व मे जांच टीम गठित की गयी थी. जांच के बाद गिरफ्तार सभी आरोपियों को इस पूरी धांधली में लिप्त पाया.
इन पर आरोप है कि इन्होंने पहले गलत तरीके से विकासखंड विण से मनरेगा की मदद में बड़ी धनराशी हासिल की और बाद मे फर्जी जॉबकार्ड, फर्जी मस्टरोल के जरिए सरकारी धन में हेराफेरी की, लोगों की जानकारी के बिना उनके बैंक खाते से मनरेगा का पैसा अपने खाते में ट्रांसफर करा लिया.