लखनऊ । अखिल भारतीय महिला पंचायत के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे मोहनलालगंज के बलसिंह खेड़ा गांव का बुधवार को दौरा कर हालात का जायजा लिया। पंचायत की संयोजिका रेनू शुक्ला ने कहा कि घटना स्थल देखने के बाद पुलिस की कहानी संहेदास्पद लगती है। इस मामले को लेकर 28 जुलाई को जीपीओ पर महिलाओं द्वारा प्रदर्शन किया जायेगा। शुक्ला ने एक बयान जारी कर बताया कि इतने वीरान में जहां मकान हैं ही नहीं उस जगह महिला का मकान देखने जाना और जिस नृशंस तरीके से महिला की हत्या हुई है उसे किसी एक व्यक्ति द्वारा करना संदेह पैदा करता है। जांच दल को ग्रामीणों ने बताया कि बलसिंह खेड़ा स्कूल में घटी इस घटना की सूचना उन्हें सुबह हुई और स्कूल के मैदान में कई स्थान पर पीड़िता का खून गिरा हुआ था। जो इस बात को दिखाता है कि पीड़िता को या तो पूरे मैदान में दौड़ाकर मारा गया है या उसे घायलवस्था में वहां फेंक दिया गया है जिसके बाद वह अपने प्राण रक्षा के लिए मैदान में भागी है। उन्होंने बताया कि अभियुक्त रामसेवक के परिजनों से भी मुलाकात की जिस पर उसकी पत्नी और परिजनों ने जांच टीम को बताया कि रामसेवक समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता के यहां नौकर के बतौर काम करता था और गांव में उसकी पुत्री से छेड़खानी के बाद उसकी गांव के ही कुछ प्रभावशाली लोगों से अदावत भी थी जिन्होंने उसे इस मामले में फंसा दिया है। उन्होंने इस घटना की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। साथ ही इस तरह की महिला उत्पीड़न की घटनाओं की पुर्नरावृत्ति न हो इसलिए प्रदेश में तत्काल महिला फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाना चाहिए।