दस्तक-विशेष

‘मुंबई 26/11 हमला दुनिया में सुर्खियों में रहा’

tajजयपुर। मुंबई में हुए 26/11 आतंकवादी हमले ने दुनियाभार की खबरों में सुर्खियां बटोरीं और लश्कर-ए-तैयबा अपने मकसद में कामयाब रहा। यह विचार 26/11 आतंकी हमले पर पुस्तक लिखने वाले एक लेखक ने व्यक्त किए। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में ‘द सीज : थ्री डेज ऑफ टेरर इनसाइड द ताज’ शीर्षक से मुंबई आतंकवादी हमले पर पुस्तक लिखने वाले एड्रियन लेवी ने दर्शकों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में ये बातें कहीं।
लेवी ने कैथी स्कॉट क्लार्क के साथ मिलकर इस पुस्तक की रचना की है। दर्शकों ने जब पूछा कि आतंकवादियों ने लोगों का अपहरण करने के बजाय उनकी हत्या क्यों की जबकि अपहरण कर वे भारत सरकार से फिरौती या किसी अन्य तरह की छूट प्राप्त कर सकते थे तो लेवी ने कहा आतंकवादी संगठन द्वारा घटना को वैश्विक स्तर की खबरों में सुर्खियों में लाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया। लेवी ने कहा ‘‘विश्व का चौथा विशाल नगर दुनियाभार के टेलीविजन पर तीन दिनों तक छाया रहा। इसने दुनियाभर की खबरों में सुर्खियां बटोरीं और लश्कर-ए-तैयबा अपने मकसद में कामयाब रहा। वास्तव में यह घटना विश्व स्तर पर उनके द्वारा की गईं अन्य घटनाओं के घोषणापत्र के रूप में थी।’’ इस आतंकवादी हमले ने मुंबई को 6० घंटे तक भय के चंगुल में जकड़े रखा जिसमें 26 विदेशी नागरिकों सहित 166 लोगों की मौत हो गई। लेवी यह भी मानती हैं कि यह आतंकवादी हमला भारत के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुई तथा अगली सरकार के लिए अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए मानदंड बना। लेवी ने कहा ‘‘वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए मैं कह सकता हूं कि भारत ने इस हमले से कुछ नहीं सीखा।’’ लेवी ने अपनी पुस्तक के लिए 1 ००० लोगों से बातचीत की और तथ्यों एवं अपने सूक्ष्म अवलोकनों को बहुत ही रचनात्मकता से अपनी पुस्तक में पिरोया है। लेवी ने पुस्तक की रचना के लिए साक्षात्कार करते हुए सुरक्षाकर्मियों की ‘कुंठा’ को महसूस किया। उन्होंने कहा ‘‘भारत में सुरक्षाकर्मियों के बीच इस हमले को लेकर भारी कुंठा और गुस्सा भरा हुआ है। सुरक्षा प्रणाली में ऐसा कुछ जरूर है जिसके कारण बाहरी देशों की धारणा और वास्तविकता का आपस में कोई तालमेल नहीं मिलता।’’ लेवी ने इस दौरान हेडली के लश्कर से जुड़ने पर भी तफ्सील से चर्चा की।

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