मुरथल गैंगरेप : हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में माना- हो सकता है कि महिलाओं से रेप हुए हों
एजेन्सी/ चंडीगढ़ : हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान बीते फरवरी माह में मुरथल में गैंगरेप की वारदात होने की बात को राज्य सरकार ने कोर्ट में स्वीकार किया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हरियाणा सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जाट आरक्षण के दौरान मुरथल में महिलाओं के साथ गैंगरेप की संभावना जताई है। जानकारी के अनुसार, हरियाणा सरकार ने पहली बार हाईकोर्ट में ये बात कबूल की है कि संभव है कि जाट आंदोलन के दौरान मुरथल में महिलाओं के साथ रेप हुआ हो। इसी मामले में एसआईटी की प्रमुख महिला अधिकारी भी हाईकोर्ट के सामने पेश हुईं। इस मामले में 4 मई तक हाईकोर्ट ने सरकार से रिपोर्ट मांगी। वहीं, हाईकोर्ट ने एसआईटी के कामकाज में दखल ना दिए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
सरकार ने अपने बयान में दिल्ली की एक महिला की ओर से दर्ज किए गए एफआईआर का भी जिक्र किया, जिसमें उसने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान उसके साथ गैंगरेप की घटना होने का जिक्र करते हुए सरकारी सहायता की मांग की है। इससे पहले मीडिया रिपोर्टों में भी कहा गया था कि 21-22 फरवरी की रात दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने मुरथल में कुछ महिलाओं के साथ गैंगरेप किया था।
बता दें कि हरियाणा में फरवरी में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान समूचे प्रदेश में हिंसा व आगजनी की घटनाओं के दौरान एक समाचार पत्र ने दावा किया था कि आरक्षण के आंदोलन के समय दिल्ली के निकट मुरथल के ढाबों पर महिलाओं के साथ गैंगरेप हुआ था। आंदोलनकारियों पर इस मार्ग से होकर निकलने वाली महिलाओं के साथ गैंगरेप का आरोप था। मीडिया में मामला उजागर होने के बाद हरियाणा सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था, लेकिन हाईकोर्ट में किसी तरह का सामूहिक दुष्कर्म होने से इनकार किया गया था।
मुरथल में महिलाओं से हुए गैंगरेप का मामला समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त तेवर अपनाते हुए सरकार से जवाब तलब किया था। हाईकोर्ट को जब मामले का पता चला तब कोर्ट ने आदेश जारी किए कि पीड़ितों को शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं। पीड़ित को अपनी शिकायत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को दर्ज करवाने की सहूलियत दी गई थी। शुरू में तो मुरथल में गैंगरेप की घटना से पुलिस इनकार करती रही लेकिन यहां ढाबों के पास से महिलाओं के जो फटे कपड़े मिले वो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इसके बाद मीडिया में जब मामले को उठाया गया तब मामले ने तूल पकड़ लिया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, करीब 30 लोगों की भीड़ ने कई कारों को रोका और इनमें आग लगाई। इन लोगों ने 10 महिलाओं के साथ कथित गैंगरेप किया। इनके कपड़े तक फाड़कर फेंक दिए गए। स्थानीय लोगों की मदद के बाद इन्हें कपड़े दिए गए तब जाकर महिलाएं खेतों से बाहर आ सकीं। जगह-जगह महिलाओं के फटे कपड़े मिले, बावजूद पुलिस घटना से इनकार करती रही। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मामले में विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है।