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मोदी-ओबामा ने दिया सपनों के लिए संघर्ष का सबक

mann-ki-baatनई दिल्ली : रेडियो पर मन की बात रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने युवाओं को अपने सपनों के लिए संघर्ष करने की सीख दी। रेडियो पर इस ऐतिहासिक संयुक्त संबोधन में दोनों नेताओं ने अपने निजी जीवन में आई कठिनाइयों का जिक्र किया। कम्युनिस्टों के दुनिया के मजदूरों एक हो की तर्ज पर मोदी ने युवाओं से दुनिया को एकजुट करो का नारा दिया। ओबामा ने कहा कि आम आदमी का जीवनस्तर सुधारने का जो प्रयास वह अमेरिका में कर रहे हैं, वही मोदी भारत में कर रहे हैं। अमेरिका में हर सप्ताह रेडियो संदेश देने वाले राष्ट्रपति ओबामा ने कहा, भारत के प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति का यह पहला साझा रेडियो संदेश है। दोनों देशों के रिश्तों में प्रगाढ़ता लाने के मोदी के निजी प्रयासों की मैं सराहना करता हूं।
अगली बार साशा-माल्या जरूर आएंगी
मुंबई के राज ने ओबामा से पूछा कि आप अपनी बेटियों को भारत के बारे में क्या बताएंगे? इस पर ओबामा ने कहा, मेरी बेटियां साशा और माल्या स्कूल की वजह से भारत नहीं आ सकीं। माल्या के तो एग्जाम शुरू हो गए हैं। भारत की हमारी अगली यात्रा में दोनों हमारे साथ होंगी। मेरी तरह मेरी बेटियां भी भारत की संस्कृति, इतिहास और परंपराओं से प्रभावित हैं। मैं उन्हें जाकर बताउंगा कि भारत उसी तरह शानदार है, जैसा उन्होंने सोचा था। मिशेल मेरी बेटियों के लिए खरीदारी करेंगी। मोदी ने कहा कि भारत ओबामा की अगली यात्रा में उनकी बेटियों का स्वागत है। सानिका देवान, पुणे ने सवाल किया कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना पर आप अमेरिका से क्या सहयोग लेंगे? इस पर मोदी ने कहा कि ओबामा जिस प्रकार से अपनी बेटियों से प्यार करते हैं, वही हमारे लिए प्रेरणास्पद है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ हमारी जिम्मेदारी है। कमलेश उपाध्याय के सवाल पर ओबामा ने कहा कि मोटापे और डायबिटीज जैसी बीमारियों के खिलाफ जागरुकता के लिए मिशेल शानदार काम कर रही हैं। भारत और अमेरिकी सरकारें भी एनजीओ, एजेंसियों की मदद से इबोला, फ्लू और पोलियो जैसी महामारियों से लड़ने का काम कर रहे हैं।
कभी नहीं सोचा था कि व्हाइट हाउस जाऊंगा
अर्जुन के सवाल पर व्हाइट हाउस के बाहर अपनी एक तस्वीर का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि वह प्रधानमंत्री बनेंगे या उन्हें एक दिन व्हाइट हाउस में रहने का मौका मिलेगा। इसलिए मैं कहता रहा हूं कि कुछ भी बनने के सपने कभी मत देखो। अगर सपने देखने हैं तो कुछ करने के देखो। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद की किताब ओबामा ने उन्हें दी और उसके बारे में विस्तार से बताया, यह बात उनके दिल को छू गई। लुधियाना की हिमानी के सवाल पर ओबामा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की तरह मैंने भी जब पहली बार व्हाइट हाउस देखा तो कभी सोचा नहीं था कि मैं वहां रहूंगा। लेकिन एक चाय वाला या सिंगल मदर का बेटा इस मुकाम पर पहुंचा है और हमारी जिम्मेदारी है कि साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले प्रतिभावान युवकों को अवसर मिलें और वे अपने सपने पूरे कर सकें। झुंझनू निवासी और जेएनयू के संस्कृत के छात्र ओमप्रकाश के सवाल पर ओबामा ने कहा, आजकल युवाओं की उंगलियों में मोबाइल है। खुले समाज, स्वतंत्रता और विचारों के आदान-प्रदान से वे दुनिया को प्रभावित कर सकते हैं।
बेंजामिन फ्रैंकलिन को मोदी ने प्रेरणास्पद बताया
सीए पुकासो मुथो के सवाल पर मोदी ने कहा कि वह अमेरिकी नेताओं में से वह बेंजामिन फ्रैंकलिन को प्रेरणास्पद मानते हैं। मोनिका भाटिया ने सवाल किया कि एक खराब दिन के बाद कौन सी बात उनके चेहरे पर मुस्कराहट लाती है। ओबामा ने कहा कि जो फैसले दूसरे नहीं ले पाते हैं, उन पर उन्हें अंतिम फैसला लेना होता है। लेकिन ऐसे फैसलों के बाद जब लोगों के फोन, संदेश आते हैं तो उनके चेहरे पर मुस्कराहट आ जाती है। प्रधानमंत्री ने बताया कि एक गरीब परिवार के घर खाने के न्योते में उन्हें बाजरे की रोटी और दूध मिला। लेकिन उन्होंने देखा कि परिवार का एक बच्चा दूध के कटोरे की ओर निहार रहा था। मैंने कटोरा बच्चे की ओर बढ़ाया और उसने झट से दूध पी लिया और यह बात उनके दिल में बैठ गई। प्रधानमंत्री ने ओबामा और उनके रेडियो पर संयुक्त संबोधन और मन की बात के अन्य कार्यक्रमों पर ई बुक निकालने का सुझाव दिया। मोदी ने लोगों को सोशल मीडिया के जरिये हैशटैग यस वी कैन पर अपने विचार देने की अपील की। इनमें से सौ विचारों को ई बुक में शामिल करने का वादा भी किया। उन्होंने यस वी कैन फॉर ग्लोबल पीस, यस वी कैन फॉर जॉब फॉर ऑल जैसे सुझाव दिए।
ओबामा के तोहफे ने दिल छू लिया था: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि पिछले साल उनके व्हाइट हाउस दौरे पर जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें स्वामी विवेकानंद की पुस्तक तोहफे के रूप में दी थी, तब ओबामा ने उनका दिल छू लिया था। मोदी ने यह बात एक प्रश्न के उत्तर में कही। उनसे पूछा गया था कि प्रधानमंत्री के रूप में जब वह व्हाइट हाउस पहुंचे तो उन्हें कैसा महसूस हुआ था। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें व्हाइट हाउस के दौरे का मौका मिलेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में मोदी ने कहा, ‘‘जब मैं पहली बार वहां गया था तो मैने व्हाइट हाउस के बाहर एक तस्वीर खिंचवाई थी।’’ प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी व्हाइट हाउस की यात्रा को मोदी ने दिल को छू लेने वाला बताया था। उन्होंने कहा, ‘‘बराक ने मुझे एक किताब तोहफे में दी थी, जिसमें स्वामी विवेकानंद के भाषणों का संकलन था। विवेकानंद जी मेरी प्रेरणा हैं। मेरे लिए विशेष रूप से यह किताब लाने के लिए ओबामा ने बहुत प्रयास किए थे।’’ मोदी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने पूरी किताब पढ़ी है, और खास तौर पर मेरे लिए किताब के पन्नों को चिन्हित भी किया है। इसे देखकर मैं बहुत भावुक हो गया था।
बराक का मतलब, जिसे आशीर्वाद प्राप्त हो: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के पहले नाम का अर्थ समझाते हुए कहा कि बराक का मतलब ‘जिसे आर्शीवाद प्राप्त हो’ होता है। ओबामा के साथ रेडियो कार्यक्रम में मोदी ने कहा, ‘‘कुछ लोग इस बात का मतलब ढूंढते हैं कि आखिर बराक का मतलब होता क्या है। स्वाहिली में बराक का मतलब होता है, वह जिसे आशीर्वाद प्राप्त हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि उनके परिवार ने उन्हें नाम के साथ आशीर्वाद दिया है।’’ संयुक्त संवाददाता सम्मलेन के दौरान रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति को बार-बार बराक पुकारकर लोगों को चौंकाने वाले मोदी ने रेडियो संबोधन के दौरान भी कई बार उन्हें इसी नाम से पुकारा।
कठिन दौर से भी गुजरा हूं: ओबामा
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को कहा कि काम करते हुए वह बहुत कठिन दौर से भी गुजरे हैं, लेकिन उस दौरान भी उन्हें लगभग रोज ही कहीं न कहीं से प्रेरणा मिल ही जाती थी, और यह प्रेरणा मिलती थी उन लोगों से जो कहते कि ओबामा ने उसकी जिंदगी बदल दी। ओबामा ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ के विशेष एपिसोड में ये बातें कहीं। ओबामा ने कहा, ‘‘मेरे पास जो समस्याएं आतीं उनका समाधान किसी के पास नहीं होता था। अगर वे समस्याएं आसान होतीं तो मेरे पास आने से पहले ही उन्हें कोई न कोई सुलझा देता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘काम करते हुए कुछ दिन बेहद मुश्किल भरे और तनाव देने वाले होते हैं। लेकिन जो चीज मुझे प्रेरित करती है, वह ये है कि लगभग रोज ही मुझसे ऐसा कोई न कोई व्यक्ति जरूर मिलता जो कहता कि आपने मेरी जिंदगी बदल दी।’’ओबामा ने आगे कहा, ‘‘सभी के सामने मुश्किल दिन आते हैं, लेकिन आपको उन सबके बीच काम करते रहना होता है।’’ एजेंसी

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