मोदी के रूस दौरे में कसेगा जाकिर नाईक पर शिकंजा, भारत लाने की तैयारी
बुधवार से शुरू हो रहे पीएम नरेंद्र मोदी के रूस दौरे में विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक डॉ जाकिर नाईक पर शिकंजा कसना करीब करीब तय है। दरअसल व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकॉनोमिक फोरम (ईईएफ) के 5वें सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने जा रहे पीएम मोदी की मलेशिया के पीएम महातिर मोहम्मद से द्विपक्षीय वार्ता होगी। इस द्विपक्षीय वार्ता में नायक का प्रत्यर्पण भारत के मुख्य एजेंडे में है। गौरतलब है कि मलेशिया में शरण ले चुके नायक के प्रत्यर्पण के लिए भारत लगातार प्रयासरत है। सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी ईईएफ के सम्मेलन के इतर जापान, मंगोलिया और मलेशिया के शासनाध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इनमें मलेशिया के पीएम के साथ होने वाली द्विपक्षीय वार्ता के लिए भारत का मुख्य एजेंडा नाईक का प्रत्यर्पण है। गौरतलब है कि इस्लाम के नाम पर लोगों को भड़काने, वित्तीय गड़बडिय़ां सामने आने के बाद डॉ नायक फरार हो गए थे। बाद में उन्होंने मलेशिया में शरण ली। तब से भारत लगातार उनके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है।
सम्मेलन खास क्यों?
सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तान चीन के साथ मिल कर भारत के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार कर रहा है। सम्मेलन में चार देशों के शासनध्यक्ष के अलावा चीन, दक्षिण और उत्तर कोरिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया मंत्री स्तरीय प्रतिनिधित्व कर रहा है। इस सम्मेलन में भारत की कोशिश सीमा पर आतंकवाद मामले में पाकिस्तान को बेनकाब करने की होगी।
भारत-रूस शिखर सम्मेलन पर निगाहें
ईईएफ के इतर दुनिया की निगाहें भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन पर होगी। इस सम्मेलन में दोनों देश अफगानिस्तान पर अपना रुख साझा करने के साथ एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस 400 सौदे के राह के कांटे दूर करने, छह परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने संबंधी परियोजना की तरक्की पर बात करेंगे।