लखनऊ। यूपी के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने दावा किया है कि मोहनलालगंज मामले की सारी सच्चाई तीन दिन के अंदर सबके सामने आ जाएगी। उनका कहना है कि सरकार किसी को नहीं बचा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गड़बड़ी की सारी रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर सबके सामने आ जाएगी। मोहनलालगंज के प्राथमिक विद्यालय में महिला की जघन्य हत्या के मामलमें पुलिस ने गार्ड रामसेवक को गिरफ्तार कर केस के खुलासा का दावा कर दिया है। लेकिन, पीडिता के परिजन इससे सहमत नहीं हैं। वे मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। मोहनलालगंज थाने की पुलिस से लेकर एडीजी सुतापा सान्याल और डीआईजी नवनीत सिकेरा तक ने अब यह कहकर पल्ला झाड़ना शुरू कर दिया है कि केस खुल चुका है। जांच उनके पास नहीं है। सभी अफसरों ने खुद को बचाते हुए जांच की गेंद उस कमेटी के पाले में डाल दी है, जो सीएम के निर्देश पर किडनी ट्रांसप्लांट मामले की जांच में जुटी है। अब बड़ा सवाल यह है कि अगर पुलिस अफसरों ने खुद को किनारे कर लिया तो मर्डर केस की जांच कौन करेगा? पीडिता के परिजन भी इस मर्डर केस से जुड़े कई सवालों के जवाब मांग रहे हैं। वहीं, गुरुवार को पूरे मामले पर जब मीडिया ने सीएम अखिलेश से सवाल किया तो उन्होंने कहा, श्लोकतंत्र में आपका महत्वपूर्ण स्थान है, आपने जानकारी दी, इसका शुक्रिया। एडीजी सुतापा सान्याल ने घटना के दूसरे दिन ही इस घटना को बेहद दुखद और गंभीर बताते हुए इसमें पांच-छह लोगों के शामिल होने की बात कही। उन्होंने कहा था कि वह खुद केस की मॉनीटरिंग कर रही हैं। सिक्योरिटी गार्ड पकड़ा गया तो पुलिस लाइन में वह पत्रकारों से मुखातिब भी हुईं और केस वर्क आउट होने का दावा भी किया था। यह अलग बात है कि मीडिया से बात करते समय उठने वाले सवालों के जवाब के लिए वह कभी माइक डीआईजी की तरफ बढ़ाती रहीं और कभी एसएसपी की ओर, लेकिन अब केस की जटिलता को देख कर उन्होंने भी खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि वह इस मामले की जांच नहीं कर रही हैं। डीआईजी नवनीत सिकेरा ने किडनी मामला उठने के बाद कहा कि वह इस मामले की जांच कर रहे हैं। उसके बाद उसी दिन वह पीजीआई भी गए और किडनी ट्रांसप्लांट से जुड़े दस्तावेज को जांच के लिए एकत्र किया। अब उनका कहना है कि पुलिस मर्डर केस वर्कआउट कर चुकी है। जहां तक किडनी ट्रांसप्लांट का मामला है तो मुख्यमंत्री द्वारा गठित पॉवर कमेटी इस मामलेकी जांच कर रही है। इसका पुलिस से कोई लेना देना नहीं है।