गुड़गांव : गृह मंत्री ने कहा कि लोगों और विशेषकर युवाओं में बढ़ती कट्टरता इस वक्त दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है। शहर में आयोजित चौथे आतंकवाद विरोधी सम्मेलन ‘वैश्विक आतंकवाद के बदलते आयाम’ को संबोधित करते हुये राजनाथ ने पाकिस्तान का नाम लिये बगैर कहा कि कुछ देश आतंकवादियों को प्रायोजित करते हैं और सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराते हैं जिसने दुनिया भर में आतंकवाद की वृद्धि में अभूतपूर्व भूमिका निभाई है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि लोगों में और विशेषकर युवाओं में कट्टरता का बढ़ना नया चलन और मौजूदा स्थिति में दुनिया के समक्ष मौजूद सबसे चुनौतीपूर्ण समस्याओं में से एक है। राजनाथ ने कहा कि आतंकवादी संगठन आईएसआई के प्रोपगैंडा ने भारत में जिहादी विमर्श को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है, जो कि अभी तक भारत देश और समाज के प्रति शिकायतों में छिपा हुआ था। उन्होंने कहा, हालांकि, मैं खुश हूं कि भारतीय समाज के तानेबाने को इस्लामिक स्टेट की उत्पत्ति से कोई फर्क नहीं पड़ा है और मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह आगे भी हमारे देश पर कोई प्रभाव नहीं डाल सकेगा।
देश के विभिन्न देशों ने बढ़ती कट्टरता पर रोक लगाने और उसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारत ने समय रहते कुछ मॉड्यूलों का खुलासा किया है जो उसकी धरती पर आतंकवाद को पनपाने का प्रयास कर रहे थे।