रंगोली से लक्ष्मी का आगमन, दीपों की रोशनी से समृद्धि
दीपावली त्योहार का आगाज वैसे तो रवि पुष्य नक्षत्र से ही हो गया है लेकिन विधिवत रूप से शुरूआत एकादशी अर्थात बुधवार 26 अक्टूबर से होगी। इस दिन से दीपावली कुल पांच दिनों तक दीप जलाने से शुभ होता है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि इन पांच दिनों तक यदि घर के आंगन में रंगोली बनाई जाये तथा दीपों की रोशनी की जाये तो निश्चित ही लक्ष्मी का आगमन तो होता ही है वहीं सुख समृद्धि भी बनी रहती है।
इसलिये एकादशी तिथि से लेकर दीपावली तक घर आंगन में न रंगोली तो बनाई ही जाये वहीं दीपों की भी रोशनी करें तो माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहेगी। भारत की प्राचीन परंपरा में दीप प्रज्जवल के साथ ही रंगोली बनाने का विशेष महत्व बताय गया है। ये दोनों ही मंगल और शुभता का प्रतीक होते है। वैसे भी शाम के समय घर के मंदिर या पूजन स्थान पर दीपक लगाने तथा सुबह के समय घर के आंगन में रंगोली बनाने से सुख समृद्धि आती है तो फिर दीपावली जैसे अवसर पर तो इनका महत्व ओर अधिक बढ़ जाता है।
पहले मंदिर और फिर चैखट, मुंडेर पर
एकादशी से लगाये जाने वाले दीपक की शुरूआत सबसे पहले घर में बने मंदिर या फिर पूजन स्थल से करना चाहिये और इसके बाद फिर घर की चैखट के साथ ही मुंडेर अथवा गैलरी पर दीपों को सजाया जाये। तेल का दीपक लगाना उत्तम होता है, लेकिन रूई से बनी दो बाती जरूर दीप में रखी जाना चाहिये। रंगोली सुबह सबेरे तथा शाम के समय बनाना अति शुभ होता है।