राजस्थान बजट: जाने किन-किन पर हो सकती है ‘मेहरबानी’?
जयपुर प्रदेश का वर्ष 2016-17 का बजट मंगलवार को पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री विधानसभा में सुबह 11 बजे इसे पेश करेंगी। हर साल की तरह किसान, कर्मचारी, व्यापारी, नौकरीपेशा, महिला, युवाओं की उम्मीदें भी बजट पर टिकी होगी कि क्या उनके लिए राहत की बूंदे गिरेगी या फिर उन्हें ना उम्मीद होना पडेगा। यहीं नहीं विकास के ढांचे को लेकर जनता को सरकार से आशाएं है।
बिजली- पानी, शिक्षा, चिकित्सा के साथ- साथ सभी विभागों ने अपने अपने प्रस्ताव सरकार को भेजे है। अब सरकार इनमें से कितना कुछ कर पाती है इसका खुलासा मंगलवार को ही हो पाएगा। क्या कुछ इस बजट में हो सकता है, आइये जानते हैं –
नगरीय विकास व आवासन- जयपुर को मिलेगा पैसा
बजट से यूडीएच को भी इस बार कई बड़ी घोषणाओं की आशा है। स्मार्ट सिटी में चयनित हो चुके जयपुर शहर को इस बजट में अतिरिक्त पैसा मिलने के साथ ही अमृत मिशन में शामिल 29 शहरों को भी विकास के लिए बजट में अतिरिक्त प्रावधानों का इंतजार है।संभावना जताई जा रही है कि इस बार बजट में पट्टों को लेकर नया प्रावधान किया जा सकता है। इस प्रावधान के तहत पट्टों पर पुरुषों के साथ महिलाओंका नाम भी अनिवार्य किया जा सकता है। ताकि महिलाओं को भी परिवार में तवज्जो मिल सके। इसी तरह लीज जमा कराने की छूट अवधि को भी बढ़ाया जा सकता है। अभी यह अवधि 31 मार्च है। पिछले बजट में भी इस अवधि को बढ़ाकर मई किया गया था।
रिंग रोड को लेकर भी हो सकती घोषणा
पिछले बजट में रिंग रोड के पूरा होने की अवधि घोषित की गई थी लेकिन इस समयावधि में यह काम होना मुश्किल है ऐसे में सरकार रिंग रोड के पूरा होने की नई तिथि घोषित कर सकती है। इसके अलावा कुछ नए अंडरब्रिज व ओवरब्रिज की भी घोषणा होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री आवास योजना
केंद्र व राज्य सरकार ने सबको आवास देने की घोषणा की थी। बजट में गरीबों के आवासों के नए लक्ष्य और इन मकानों का निर्माण करने वाले बिल्डरों को अतिरिक्त छूट का भी प्रावधान किया जा सकता है। साथ ही अफोर्डेबल हाउस के नियमों में भी संशोधन किया जा सकता है।
जलदाय विभाग
प्रदेश में जलदाय विभाग से जुड़े करीब 35 बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि किसी नए बड़े प्रोजेक्ट की घोषणा नहीं होगा। लेकिन पुराने प्रोजेक्टों के पैसा दिया जा सकता है। भूजल को बचाने की दिशा में नई घोषणा हो सकती है।
जयपुर से बीसलपुर तक नई पेयजल लाइन
बीसलपुर से जयपुर तक दूसरे पेयजल लाइन डालने के लिए जलदाय विभाग डीपीआर तैयार कर रहा है। इस योजना में2115 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है और जायका करीब 1400 करोड़ रुपए देगा। 550करोड़ राज्य सरकार खर्च करेगी और बाकी पैसा केन्द्र से मिलने की उम्मीद है। दूसरे चरण में जयपुर को 800 एमएलडी पानी दिया जा सकेगा, ताकि शहर के सभी 91 वार्डों में बीसलपुर का पानी दिया जा सके। दूसरा चरण जयपुर में 2051की आबादी को देखते हुए तैयार किया जा रहा है।
नदियों को जोडऩे का सर्वे होगा शुरू
राजस्थान में नदियों को जोडऩे की योजना पर करीब डेढ़ साल से काम चल रहा है, लेकिन आम बजट में इस काम के लिए केन्द्र ने मदद नहीं की। राज्य बजट में नदियों को जोडऩे के सर्वे के लिए 68 करोड़ रुपए स्वीकृत किए जा सकते हैं। प्रदेश में कालीसिंध, पार्वती बांध, ब्राह्मणी नदी, मेज नदी, चंबल नदी, अनास नदी, माही बजाज, जवाई बांध और पार्वदी नदी को जोडऩे की योजना पर काम चल रहा है। 14 नदियों को जोडऩे पर करीब साढ़े सात सौ करोड़ के खर्चे का अनुमान लगाया गया है।
पृथ्वीराज नगर की डीपीआर तैयार
पृथ्वीराज नगर में बीसलपुर का पानी पहुंचाने के लिए करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से डीपीआर तैयार करवाई जा रही है। पृथ्वीराज नगर में बीसलपुर से 35 एमएलडी पानी दिया जाना प्रस्तावित है। बजट में पृथ्वीराज नगर में सरकार पेयजल तंत्र के लिए राशि का प्रावधान किया जा सकता है।
चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग, नई स्पेशियलिटी शुरु होगी
बजट में प्रदेश के सबसे बडे सवाई मानसिंह अस्पताल में नई स्पेशियलिटी शुरू करने की बड़ी घोषणा हो सकती है। इससे काफी लाखों लोगों को फायदा होगा। आयुर्वेद विभाग में हर्बल मंडी और हर्बल नर्सरी को लेकर नया प्रस्ताव आ सकता है। जेके लोन अस्पताल में नई सुपरस्पेशलिटी पर काम हो सकता है। नए मेडिकल कॉलेज की भी घोषणा की जा सकती है। वहीं लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए और नई अन्य योजनाएं आ सकती है।
ऊर्जा विभाग-40 हजार कृषि कनेक्शनों का तोहफा
प्रदेश में अब तक अक्टूबर, 2009 तक के आवेदनों पर कृषि कनेक्शन जारी किए गए हैं और आगामी बजट में 40 हजार कृषि कनेक्शन जारी करने की घोषणा हो सकती है। ऐसे में पैंडिंग कनेक्शनों की संख्या ३ लाख से घटकर 2 लाख60 हजार तक रह जाएगी।
इसके अलावा 33 केवी के 200 नए सब स्टेशन व प्रसारण निगम 32 केवी के 6 सब स्टेशन और 220 केवी के चार नए सब स्टेशन की भी बजट में घोषणा हो सकती है
वहीं प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में ओवरहैड लाइनों को भूमिगत करने का तोहफा भी देने के आसार है जिनमें राजधानी के मानसरोवर क्षेत्र को किया शामिल जा सकता है।विभिन्न योजनाओं के तहत सालभर में करीब ६ लाख घरेलू कनेक्शनों का लक्ष्य भी रखे जाने की उम्मीद है।
शिक्षा विभाग, भर्तियों की उम्मीद
शिक्षा विभाग मे शिक्षकों के पद खाली हैं। उम्मीद की जा रही है कि व्याख्याता और थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती की घोषणा हो सकती है। प्रदेश मे 164 उपखण्डों में कॉलेज और 600 से अधिक ग्राम पंचायतो मे स्कूल नही। बजट में इनमें से कुछ स्थानों पर घोषणा की उम्मीद है।
प्री प्राइमरी स्कूल शुरू करने की भी उम्मीद है। इससे बच्चों को काफी लाभ मिलेगा
सरकारी कालेजों में वाईफाई की सुविधा उपलब्ध करवाई जा सकती है।
बालिकाओं की शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए नई योजना शुरू की जा सकती है।
प्रारम्भिक शिक्षा में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर उत्कृष्ट विद्यालय योजना लागू होने की उम्मीद है।
शिक्षा त्रिस्तरीय के बजाय द्विस्तरीय
(1) से 1 से 8 तक के स्कूल और 1 से 12 या 1 से 10 के स्कूल की योजना लागू की जा सकती है।
पुलिस महकमा- मैस भत्ता बढऩे को लेकर उम्मीद
पुलिस थानों में नफ री की समस्या से जूझ रहे पुलिस महकमें को अब बजट में नई भर्ती की उम्मीदें है। इससे अपराधों को लगाम लगाने में काफी आसानी रहेगी। पुलिस ट्रेनिंग सेंटर और खोलने की उम्मीद है
-जेलप्रहरियों को पुलिस जवानों के समकक्ष लाभ की मांग चल रही है और गृहमंत्री आश्वासन भी दे चुके है।
-कमिश्नरेट में लॉ एंड आर्डर और क्राइम की अलग टीमें बनाने का प्रस्ताव आ सकता है। इसके साथ ही एसओजी और एटीएस में खाली चल रहे पदों को भरने और आर्थिक मामलों के लिए विशेष थाने को लेकर घोषणा हो सकती है। साइबर क्राइम थाने को ओर मजबूत बनाने का भी प्रस्ताव आ सकता है।
– कर्मचारियो को कई सवर्गो में छठे वेतनमान दिए जाने में रही वेतन विसंगति दूर किए जाने सम्बन्धी घोषणा को पूरा होने का इंतजार है।
पीडब्ल्यूडी- सड़कों के लिए अधिक बजट
ग्रामीण गौरव पथ के काम में तेजी आ सकती है और इसके लिए बजट बढ़ाया जा सकता है। पिछले बजट में 20 हजार किलोमीटर तक सड़कों के निर्माण की घोषणा की गई थी, जिसमें से अब तक आधा काम ही हो सका है।
-सड़कों से वंचित गांवों व ढाणियों को जोडऩे की घोषणा हो सकती है।-विधायकों को भी उनके क्षेत्र के लिए सड़कों का तोहफा मिल सकता है। उल्लेखनीय है कि अधिकतर विधायकों ने अपने क्षेत्र से जुड़े गांव व ढाणियों की सड़कों की डिमांड रखी है।
-राज्यमार्ग की सड़कों को सुधारने के लिए राशि स्वीकृत की जा सकती है।
उद्योग विभाग-बंद उद्योगों को मिलेगा जीवनदान
बजट से उद्योग जगत को काफी उम्मीदें हैं। नया निवेश आकर्षित करने लिए कदम उठाए जाएंगे। वहीं राज्य में बंद पड़े उद्योगों और इंडस्ट्रीयल एरिया को पुन: चालू करने के लिए भी कोई योजना आ सकती है। उद्योगों को स्कील्ड लेबर मिले इसके लिए राजस्थान नॉलेज कॉर्पोरेशन के माध्यम से नए कोर्सेस शुरू किए जा सकते हैं। इसके साथ ही नए उद्यमी तैयार करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अधिक ऋण उपलब्ध कराने पर जोर रहेगा, जिससे युवा अपना स्वयं का बिजनेस स्थापित कर सकें।
कृषि- सहकारिता- किसानों को मिलेगा ज्यादा ऋण
किसानों को सहकारी बैंकों के माध्यम से ज्यादा ब्याज मुक्त फसली ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की जा सकती है। इसके साथ ही किसानों को बीज और उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए ज्यादा बजट मिल सकता है। फसलों के भंडारण के लिए गोदामों के निर्माण पर जोर रहेगा। इसके साथ ही पुराने गोदामों की मरम्मत के लिए भी कदम उठाए जा सकते हैं।
खराबा होने पर तुरंत मिलेगा मुआवजा
किसानों को आपदाओं से बचाने के लिए हाल ही में लॉंच प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से अधिक से अधिक किसानों को जोडऩे पर फोकस रहेगा, जिससे उनको फसलों में खराबा होने पर तुरंत मुआवजा मिल सके।
टैक्स दरों में होगा सुधार
राज्य के व्यापारी काफी समय से मंडी शुल्क कम करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बजट पर परिचर्चा में भी सरकार के सामने1.60 फीसदी मंडी सेस (मंडी शुल्क) को 0.50 फीसदी करने की मांग रखी थी। उनको उम्मीद है कि सरकार इस बजट में मंडी शुल्क में कमी कर सकती है, क्योंकि अभी मंडी शुल्क के कारण राज्य के व्यापारी पड़ोसी राज्यों के व्यापारियों का मुकाबला नहीं कर सकते हैं। इसके साथ ही जितना व्यापार मंडी यार्ड में नहीं होता है उससे ज्यादा बाहर होता है। इससे सरकार को राजस्व नुकसान के साथ ही कारोबारियों को भी परेशानी होती है। राज्य सरकार को मंडी सेस से सालाना करीब 200 करोड़ रुपए की आय होती है। इसके साथ ही कुछ खाद्य पदार्थों पर राज्य में पड़ौसी राज्यों की तुलना में ज्यादा टैक्स लगता है। बजट में टैक्स ढांचे में बदलाव कर टैक्स की दरें पड़ोसी राज्यों के बराबर कर सकती है।
ग्रामीण विकास व पंचायतराज
ग्रामीण विकास में नरेगा श्रमिकों के परिवारों के लिए नई योजना लाने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना को अतिक्ति पैसा मिल सकता है। पंचायत केन्द्रों को हाइटेक बनाने का भी प्रस्ताव विचाराधीन है
राज्य कर्मचारियो की उम्मीदें
महिला कर्मियो को केन्द्र सरकार की तर्ज पर चाइल्ड केयर लीव देने सम्बन्धी घोषणा को अमली जामा पहनाए जाने की बजट में उम्मीद है।
सीनियर डिप्टी सचिव के पद पर पदोन्नति दिए जाने सम्बन्धी घोषणा की उम्मीद
पूर्ववर्ती सरकार के समय कर्मचारियो को दिए जाने वाले स्टेशनरी भत्ते को रोक को वापिस लिए जाने की भी कर्मचारियो को आस है।
ग्रामीण क्षेत्र में सेवा देने वाले कर्मचारियों को ग्रामीण भत्ते की उम्मीद है। भाजपा ने चुनाव में इसका वादा किया था।
-आंगनबाडी कार्यकर्ता, जनता जल योजना के कार्मिको और विद्यार्थी मित्रो सहित संविदा कर्मियो को नियमित किए जाने सम्बन्धी नीति का बजट में इंतजार है।
आंगनबाडी कार्मिको को भी उम्मीदें
आंगनबाडी कार्यकर्ताओ और कार्मिको को इस बजट में नियमित किए जाने या न्यूनतम मजदूरी के अनुरूप पगार दिए जाने की आशा है। मुख्यमंत्री ने चुनाव से पूर्व सुराज संकल्प यात्रा के दौरान आंगनबाडी कार्मिको को नियमित करने का वादा किया था ऐसे में राज्य भर की आंगनबाडी कार्मिको को आगामी बजट में इस सम्बन्ध में घोषणा का इंतजार है।
पर्यटन-पुरात्तव विभाग, नए सर्किट बनेंगे
पर्यटन विकास के लिए बजट में नए पर्यटन सर्किट बनाने की घोषणा के साथ साथ उनके विकास के लिए राशि देने की घोषणा हो सकती है वहीं जो पुराने सर्किट बने हुए है उनके विकास के लिए अतिरिक्त राशि का प्रावधान होने की उम्मीद है।
-प्राचीन धरोहरों के संरक्षण पर ध्यान होगा। राजस्थान के प्राचीन, किले और बावडियों को संरक्षित करने साथ ही उनके ऐतिहासिक महत्व को बनाए रखने के लिए नई योजनाए बनाई जाएंगी।
-घाटे में चल रहे सरकारी होटलों को निजी क्षेत्र में देने का प्रस्ताव आ सकता है
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में भी इस बार के बजट को लेकर कई उम्मीदें देखी जा रही है। कई जिलों में महिला सदन, शिशुगृह खोले जाने की उम्मीदें हैं। अजा, जजा और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए नई स्कीमें का प्रावधान ला सकती है। बेसहारा वृद्धों के लिए नए वृद्धाश्रम की घोषणा हो सकती है।
महिला एवं बाल विकास, नए आंगनबाडी केन्द्र
नए आंगनबाड़ी केन्द्र खोले जा सकते है। ग्रामीण महिलाओं के लिए नई योजनाऐं आ सकती है। साथ ही महिला अपराधों को देखते हुए उनकी सुरक्षा के लिए हाईटैक योजनाओं का प्रावधान भी आ सकता है।
खेलों में उम्मीद
आेलम्पिक या एशियाई खेलों को जीतने वाले खिलाडि़यों की पुरस्कार राशि में बढ़ोत्तरी की संभावना है। इसके अलावा सभी जिलों में स्टेडियम बनाने की योजना को पूरा किया जा सकता है। अन्य राज्यों की तरह खेलों के लिए योजना बनाई जाएं।