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राज्यों ने तय किए स्मार्ट सिटी

smart-cityनई दिल्लीः राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के देश में 100 स्मार्ट सिटी बनाने की परियोजना में शायद केरल और जम्मू-कश्मीर ही ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने शहरों के नाम तय नहीं किए हैं। शहरी आबादी और राज्य में वैधानिक शहरों व कस्बों के लिए तय मानकों के मुताबिक केरल और जम्मू-कश्मीर सिर्फ एक-एक शहर को नामित कर सकते हैं। एक सूत्र के मुताबिक दोनों राज्यों ने अपने नामांकन के लिए और वक्त मांगा है। पहले चरण में 100 स्मार्ट सिटी के चयन के लिए आखिरि तिथि 31 जुलाई तय की गई है और इस अवधि में राज्यों को सरकार द्वारा तय संख्या के मुताबिक शहरों को नामित करना है। गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, हिमालय प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार, असम, चंडीगढ़, झारखंड, लक्षद्वीप, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा और सक्किम ने अपनी सूची शहरी विकास मंत्रालय को सौंप दी है। केरल और जम्मू-कश्मीर को छोड़कर अन्य राज्य अपनी सूची शुक्रवार को सौंप देंगे, जिससे आखिरी तिथि को लक्ष्य हासिल किया जा सके।
समाजवादी पार्टी के शासन वाले उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा 13 शहर नामित करने हैं। माना जा रहा है कि राज्य सरकार ने लखनऊ, मेरठ, आगरा, गाजियाबाद, अलीगढ़, सहारनपुर, मुरादाबाद और बरेली को इस परियोजना के लिए प्राथमिक रुप से चुना है। इसके अलावा सरकार ने वाराणसी को भी नामित किया है, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद हैं। सूत्रों के कहा कि इसके अलावा झांसी, कानपुर और इलाहाबाद का नाम शामिल किया गया है। गुजरात 6 शहरों को नामित कर सकता है। माना जा रहा है कि गुजरात ने अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, रोजकोट के साथ अन्य शहरों को नामित किया है। राजस्थान के 4 शहरों में जयपुर और अजमेर शामिल हैं। शहर के लिए चुनौती बताते हुए अंतर्राष्ट्रीय तर्ज पर बताई गई इस योजना में राज्यों से कहा गया है कि वे अपने लिए तय किए गए शहरों व कस्बों का नाम तय करें, जिसके लिए 4 व्यापक आधार- शहर में मौजूदा सेवा स्तर, संस्थात्मक व्यवस्था और क्षमता, स्व वित्तपोषण, रिकॉर्ड और सुधार तय किए गए हैं। इस माह की शुरूआत में शहरी विकास मंत्रालय ने कहा था, ”हर राज्य सरकार को सभी शहरों व कस्बों का मूल्यांकन इन मानकों के आधार पर करना होगा और बेहतर प्रदर्शन के अनुसार उन्हें नामित करना होगा।”

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