रामदास की कविता पर राज्यसभा में लगे ठहाके
दस्तक टाइम्स/एजेंसी
नई दिल्ली: रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया (ए) के रामदास आठवले ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस, और बिहार चुनाव के परिणामों पर एक कविता सुनाई जिससे सदन में ठहाके लगे और माहौल हल्का-फुल्का हो गया। आठवले ने सदन में ‘संविधान के प्रति प्रतिबद्धता’ विषय पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने पूरे शासन काल में ज्यादा काम काज नहीं किया है। उन्होंने कविता की शैली में कहा, ‘‘क्या मैं कांग्रेस के 60 साल का पत्र खोलूँ या मत खोलूं’। इस पर सदन में ठहाके गूंज उठें। उन्होंने फिर कविता पढ़ते हुए कहा, ‘‘ मैं नरेंद्र मोदी का करता हूं अभिनंदन, क्योंकि उन्होंने जाकर लंडन, बाबा साहेब का किया है अभिनंदन।’’ उनकी इन पंक्तियों पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ठहाके के बीच मेजें थपथपाई । आरपीआई नेता ने कांग्रेस और विपक्षी दलों की ओर इशारा करते हुये कहा कि हिंदू-मुस्लिम सभी अपने है लेकिन उस तरफ बैठे लोग अपने नहीं है। ये लोग संसद के जरूरी कामों में बाधा डालते हैं। देश के काम को रोकना चाहते है। आठवले ने कहा, ‘‘ किसी मंदिर के पुजारी ने मेरी जाति पूछी होती तो मैं उसकी जाति पूछता और मुझे रोका जाता तो मैं पूजारी को रोक देता। ’’ उल्लेखनीय है कि सदन में कल कुछ सदस्यों ने चर्चा के दौरान कहा था कि गुजरात में द्वारिका मंदिर जाने पर उनकी जाति पूछी गयी थी। उस समय भी ठहाके गूंजे जब आठवले ने कहा, ‘‘ मैं जब तक सांसद हूँ, तब तक मोदी सरकार को कोई खतरा नहीं है। कांग्रेस भले ही बिहार में सत्ता में आ गयी हो लेकिन केन्द्र में वह 15 से 20 सालों तक वापस नहीं आने वाली।’’ उन्होंने बिहार चुनाव परिणामों का उल्लेख करते पर चर्चा करते हुए कहा,‘यूपीए सरकार ने महंगे किए थे और आलू, फिर कैसे आए बिहार में नीतीश और लालू।’