ज्ञान भंडार
राम जेठमलानी ने कहा- मोदी ने दिया लोगों को धोखा, मिलनी चाहिए सजा
पटना. वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी ने पटना में कहा कि अगर उन्हें बिहार में वोट देना होता तो वे नीतीश सरकार के लिए वोट करते। उन्होंने कहा कि मोदी ने लोगों को धोखा दिया है और उन्हें सजा मिलनी चाहिए, उन्हें हार का सामना करना होगा।
गौरतलब है कि जेठमलानी को पीएम मोदी का करीबी माना जाता था, लेकिन बयानबाजी को लेकर उन्हें बीजेपी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। बीजेपी के ही टिकट पर वे राज्यसभा सांसद बने हैं लेकिन, अभी वे पार्टी में नहीं हैं
वित्त मंत्री अरुण जेटली को कहा बेवकूफ
सेना में वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर दिल्ली में चल रही लड़ाई रविवार को पटना में भी पहुंची। इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस किया, जिसमें वरिष्ठ वकील व राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी भी ओआरओपी के मुद्दे पर समर्थन के लिए पहुंचे। प्रेस कांफ्रेंस में जेठमलानी ने यूपीए-एनडीए सभी सरकारों को जमकर कोसा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चोर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेईमान और वित्त मंत्री अरुण जेटली को बेवकूफ तक कह दिया।
जेठमलानी ने यह भी कहा कि बिहार बदलाव की धरती है। धोखा देने वाली मोदी सरकार को यहां हराना चाहिए। लोगों को अपने विवेक से उस दल को वोट देना चाहिए जो हकीकत में उनकी मांगें माने। मेरा वश चलता तो मैं नीतीश कुमार को वोट देता। इससे पहले उन्होंने कालाधन की वापसी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को दोषी बताते हुए कहा कि एक आकलन है कि 90 लाख करोड़ रुपए कालाधन विदेशों में जमा है। इसे नरेंद्र मोदी ने वापस लाने का भरोसा दिया था। मैंने भी मोदी की बात का भरोसा कर लिया था, लेकिन वो बेईमान निकले और आज तक एक रुपया भी वापस नहीं ला सके।
जेठमलानी के कार्यक्रम में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल ने किया हंगामा
कांफ्रेंस के दौरान ही ओआरओपी को लेकर इस कांफ्रेंस में हो रही राजनीतिक बयानबाजी का रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल सिन्हा ने विरोध कर दिया। उन्होंने कहा कि ओआरओपी एक संवेदनशील मुद्दा है, जिसपर सभी को ध्यान देना होगा। यह सैनिकों के लिए ज्यादा जरूरी है। अधिकारियों को पर्याप्त पेंशन मिलता है, जिससे वो अपना जीवनयापन कर सकते हैं।
अनिल सिन्हा ने कहा कि ओआरओपी केंद्र सरकार का मुद्दा है जिसका किसी भी राज्य के चुनाव से कोई मुद्दा नहीं है। इस मुद्दे का राजनीतिकरण सैनिकों के साथ धोखा है। वहीं, अनिल सिन्हा के हंगामे के बाद आयोजकों ने उनके साथ बदसलूकी करते हुए कांफ्रेंस से बाहर भगा दिया। साथ ही उन पर जनरल वीके सिंह का एजेंट होने के आरोप भी लगाए, लेकिन इन आरोपों पर अनिल सिन्हा ने कहा कि मेरा कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं है। लेकिन अगर कांफ्रेंस ओआरओपी के लिए बुलाई गई तो बात इसी पर होनी चाहिए।
यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्ससर्विसमैन के सलाहकार जनरल सतबीर सिंह ने कहा कि देश की बिहार में फौजियों व सेवानिवृत फौजियों की संख्या लगभग ढाई लाख है। इन सभी के परिवारों से अपील है कि जहां के सेना कर्मी चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें समर्थन दें।